क्‍यों कम नहीं बढ़ेंगी प्‍याज की कीमतें, निर्यातक ने गिनाईं ये 3 वजहें, जानें  

क्‍यों कम नहीं बढ़ेंगी प्‍याज की कीमतें, निर्यातक ने गिनाईं ये 3 वजहें, जानें  

गर्मियों की फसल की कटाई के बाद से भारत में प्याज की उपलब्धता काफी बेहतर हुई है. उनका कहना है कि प्याज की गर्मियों की फसल जो नासिक और पूणे से आई नई फसल है, इस समय पूरे जोरों से बाजार में पहुंच रही है. इस साल बंपर फसल के साथ कीमतों के स्थिर रहने की उम्मीद है.

फिलहाल प्‍याज की कीमतों पर नहीं होगा असर फिलहाल प्‍याज की कीमतों पर नहीं होगा असर
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 09, 2025,
  • Updated Apr 09, 2025, 7:37 PM IST

पिछले दिनों केंद्र सरकार ने 19 महीने के लंबे इंतजार के बाद प्‍याज पर लगे निर्यात शुल्‍क को हटा दिया. 22 मार्च को आया फैसला 1 अप्रैल से लागू हो गया लेकिन किसानों को इस फैसले से अभी तक कोई ज्‍यादा अच्‍छे नतीजे नहीं मिले हैं. जबकि माना जा रहा था कि आने वाले दिनों में प्‍याज की कीमतें बढ़ेंगी और किसानों को थोड़ी राहत होगी. किसानों को उम्‍मीद थी कि निर्यात की वजह से प्‍याज की कीमतों में इजाफा होगा और उन्‍हें थोड़ा-बहुत फायदा मिलेगा. विशेषज्ञों की मानें तो प्‍याज की कीमतों के लिए यह साल बहुत अच्‍छा नहीं रहने वाला है. 

भारत में हुई बंपर फसल 

वेबसाइट फ्रेशप्‍लाजा.कॉम ने महाराष्‍ट्र स्थित प्‍याज के निर्यातक कथरानी एक्सपोर्ट्स के अनिल कथरानी के हवाले से बताया है कि गर्मियों की फसल की कटाई के बाद से भारत में प्याज की उपलब्धता काफी बेहतर हुई है. उनका कहना है कि प्याज की गर्मियों की फसल जो नासिक और पूणे से आई नई फसल है, इस समय पूरे जोरों से बाजार में पहुंच रही है. इस साल बंपर फसल के साथ कीमतों के स्थिर रहने की उम्मीद है. उनकी मानें तो कई सालों तक प्याज की लगातार कमी के बाद, इस साल पहले के मौसमों की तुलना में कीमतों में काफी कमी देखी गई है. इसकी वजह है पर्याप्‍त सप्‍लाई का होना. 

यह भी पढ़ें-जाने कब-कब बदली पंजाब में धान रोपाई की तारीखें, क्‍यों नए ऐलान से विशेषज्ञ हैं परेशान 

पाकिस्‍तान का प्‍याज हावी 

कथरानी ने कहा कि इसके अलावा मौसम की स्थिति आमतौर पर अनुकूल रही है. इस मौसम में प्याज की फसल को प्रभावित करने वाली कोई बड़ी समस्या या कमी की उम्मीद नहीं है. उनकी मानें तो आने वाले दिनों में प्याज का निर्यात थोड़ा और मुश्किल हो सकता है क्योंकि मलेशिया सरकार कुछ ढुलाई प्रतिबंध लागू कर सकती है. वहीं पाकिस्‍तान में भी हुई बंपर फसल के चलते कीमतें कम हुई हैं और इसकी वजह से मलेशिया, श्रीलंका और खाड़ी क्षेत्र जैसे प्रमुख बाजारों में भारतीय प्याज की मांग धीमी हो गई है. 

यह भी पढ़ें-गेहूं उत्‍पादन में भारत नहीं चीन नंबर वन, जानिए अमेरिका और पाकिस्‍तान का हाल

ढुलाई प्रतिबंधों का पड़ेगा असर 

वहीं इंडोनेशिया की तरफ से नए इंपोर्ट परमिट अभी तक जारी नहीं किए गए हैं जिससे मांग पर और असर पड़ रहा है. फिर मलेशिया को निर्यात करने के मामले में रसद के रास्‍ते में आने वाली चुनौतियां हैं. मलेशियाई सरकार एक मई 2025 के ईटीए शिपमेंट के लिए नए ढुलाई प्रतिबंधों को लागू करने जा रही है. इसके तहत कंटेनर लोड को 25 मीट्रिक टन तक सीमित कर दिया गया है. इस कदम से कंटेनरों की मांग बढ़ने और मलेशिया को शिपमेंट के लिए माल ढुलाई दरों में वृद्धि होने की आशंका है. इसकी वजह से निर्यातकों को उच्च रसद लागत का सामना करना पड़ सकता है. 


 

MORE NEWS

Read more!