महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी दीपिका चुफाल, डिजाइनिंग का काम छोड़ शुरू किया आर्गेनिक मसाले का काम

महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी दीपिका चुफाल, डिजाइनिंग का काम छोड़ शुरू किया आर्गेनिक मसाले का काम

पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी क्षेत्र में पहाड़ के किसानों से मसाले इकट्ठा करने के साथ ही मसालों को बेचना और उसके लिए बाजार तैयार करना एक बहुत बड़ी समस्या थी. लेकिन दीपिका ने मेहनत के साथ काम जारी रखा और आज उसका परिणाम यह निकला कि दीपिका पिथौरागढ़ जिले के साथ ही अन्य जिलों में भी ऑर्गेनिक मसाले भेज रही हैं.

डिजाइनिंग का काम छोड़ शुरू किया मसाले का कारोबारडिजाइनिंग का काम छोड़ शुरू किया मसाले का कारोबार
राकेश पंत
  • Pithoragarh,
  • Apr 19, 2023,
  • Updated Apr 19, 2023, 4:53 PM IST

आज के इस बदलते समय में महिलाओं का सशक्त होना बेहद जरूरी है. ऐसे में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब बात ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की होती है. ऐसे में इस मामले की गंभीरता को समझते हुए पिथौरागढ़ की दीपिका चुफाल ने एक ठोस कदम उठाया है. पिथौरागढ़ की दीपिका चुफाल महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक मिसाल बनकर उभरी है. इंटीरियर डिजाइनर के तौर पर कई नामी कंपनियों में नौकरी करने के बाद दीपिका के मन में पहाड़ और यहां यहां के लोगो के प्रति कुछ करने का जज्बा जागा. तभी उन्होंने यह फैसला लिया कि अब वह पहाड़ों में रह रही महिलाओं के लिए कुछ करेंगी.

ऐसे में वे अपना सारा काम धाम छोड़कर वापस पिथौरागढ़ आ गई. जहां काफी रिसर्च और लंबी मेहनत के बाद उन्होंने आर्गेनिक मसाले का छोटा सा कारोबार शुरू किया. इस काम में उन्हें उद्योग विभाग की भी मदद मिली जहां से उन्होंने 5 लाख का लोन लेकर कारोबार शुरू किया. दीपिका के सामने चुनौतियां बहुत थी लेकिन उन्होंने हौसला और हिम्मत बनाए रखी.

पहाड़ों में कर रही मसाले का कारोबार

पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी क्षेत्र में पहाड़ के किसानों से मसाले इकट्ठा करने के साथ ही मसालों को बेचना और उसके लिए बाजार तैयार करना एक बहुत बड़ी समस्या थी. लेकिन दीपिका ने मेहनत के साथ काम जारी रखा और आज उसका परिणाम यह निकला कि दीपिका पिथौरागढ़ जिले के साथ ही अन्य जिलों में भी ऑर्गेनिक मसाले भेज रही हैं. साथ ही वह पिथौरागढ़ चंपावत और बागेश्वर के किसानों को बाजार उपलब्ध कराते हुए उनसे उचित दामों पर कच्चा माल खरीद रही हैं.

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मसाले की खेती के लिए किसानों को रही है प्रेरित

दीपिका पहाड़ के किसानों को मसालों की खेती के लिए प्रेरित भी कर रही है. उनका कहना है कि पहाड़ के किसान जहां आज बंदर और सूअर जैसे जंगली जानवरों से परेशान हैं वही मसाले कि खेती एक ऐसी खेती है जिन्हें जानवर कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते. इसलिए पहाड़ में मसालों की खेती परंपरागत रूप से की जाने वाली खेती से अधिक लाभदायक सिद्ध हो सकती है. जहां एक और दीपिका ने इस काम में लगभग 10  लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जोड़ा है तो वहीं हजारों किसानों को वे बाजार भी उपलब्ध करा रही है.

महिला किसानों को मसालों की खेती के लिए दे रही ट्रेनिंग

दीपिका का कहना है कि वे पहाड़ में होने वाली हल्दी, अदरक, धनिया और कसूरी मेथी जैसे मसालों को लेकर लगातार नए-नए प्रयोग कर रही है साथ ही यहां के किसानों को ट्रेनिंग भी मुहैया करा रही है. उनका कहना है कि कई महिला समूह लगातार उनके संपर्क में है और अब वह पूर्ण रूप से मसालों की खेती भी करने लगी हैं. दीपिका का कहना है कि उनका उद्देश्य लोगों को शुद्ध ऑर्गेनिक मसाले उपलब्ध कराने के साथ ही पहाड़ के किसानों को बाजार उपलब्ध कराना और उन्हें मसालों की खेती के लिए प्रेरित करना भी है. दीपिका चुफाल का कहना है कि उन्हें इस काम में उनके परिवार का भी पूरा साथ मिला जिसकी बदौलत आज वह इस मुकाम पर पहुंची है.

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