
चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई है. इससे राज्य के लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और हजारों किसानों को भारी नुकसान हुआ है. चक्रवात से उपजे हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने खुद मैदान में उतरकर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने अफसरों को प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए जरूरी अभियानों को तेज करने के निर्देश दिए. वहीं, तूफान के असर से फसलों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने अफसरों को तत्काल किसानों की मदद करने और राहत पहुंचाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का पहला लक्ष्य किसानों की मदद करना और उनकी जीविका को फिर से पटरी पर लाना है.
प्रारंभिक सर्वे के अनुसार, राज्य में तूफान से अब तक करीब 59,000 हेक्टेयर खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हुई हैं. इन खेतों में धान, कपास, मक्का और ज्वार जैसी मुख्य फसलें थीं. नुकसान झेलने वाले किसानों की संख्या करीब 78,796 है. मुख्यमंत्री ने अफसरों आदेश दिया कि नुकसान का सटीक आकलन तकनीक की मदद से किया जाए, ताकि किसी को राहत पाने में देरी न हो.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 304 मंडलों के 1,825 गांवों में फसलों का नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी जिलों में कृषि विभाग के दल गांव-गांव जाकर सर्वे पूरा करें और किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू करें. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी रिपोर्टें रीयल टाइम गवर्नेंस सिस्टम (RTGS) के जरिए ऑनलाइन अपडेट की जाएं ताकि किसी स्तर पर गड़बड़ी या देरी न हो.
सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि तूफान और लगातार बारिश के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं. राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि तूफान ने न केवल फसलों को बल्कि सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचाया है. ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को करीब 36 करोड़ रुपये और सिंचाई संरचनाओं को लगभग 16.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि किसानों की सिंचाई जरूरतें तुरंत बहाल की जाएं, ताकि अगली फसल की बुवाई समय पर शुरू हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शी राहत वितरण सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन सर्वे, मोबाइल ऐप्स और सैटेलाइट डेटा की मदद ली जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी कि राहत वितरण में किसी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिलों के कलेक्टरों और फील्ड अधिकारियों से सीधी बातचीत की.
उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है, उन्हें न केवल मुआवजा दिया जाएगा, बल्कि बीज और खाद की अगली खेप मुफ्त दी जाएगी ताकि वे जल्दी से खेती दोबारा शुरू कर सकें. साथ ही, बाढ़ग्रस्त इलाकों में बिजली और सड़क संपर्क बहाल करने के आदेश भी दिए गए, ताकि राहत सामग्री आसानी से गांवों तक पहुंच सके.
मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों और आपदा राहत दलों की सराहना की. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन का नया मॉडल ‘RTGS अवेयर 2.0’ इसी तरह की त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया के लिए बनाया गया है और आने वाले दिनों में इसे और मजबूत किया जाएगा. मुख्यमंत्री नायडू ने जनता से अपील की कि वे घबराएं नहीं और सरकारी हेल्पलाइन और स्थानीय प्रशासन से जुड़कर आवश्यक मदद लें.