Farmers Story: देश में औषधीय व सगंध पौधों की खेती से किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए CSIR एरोमा एप (CSIR Aroma App) की शुरुआत होने जा रही है. इस एप को 31 जनवरी को लांच करने की तैयारी हैं. इस प्रोजेक्ट को लखनऊ स्थित सीएसआईआर-सीमैप (CISR-CIMAP) के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है. सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉक्टर प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि एरोमा एप सीएसआईआर.ऐरोमा मिशन के अंतर्गत की गई सगंध फसलों के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करेगा. जिसमें फसल की खेती, कटाई, उपज गुणवत्ताए लोकप्रिय किस्में और आसवन प्रक्रियाएं शामिल हैं. कीट और रोग संबंधी जानकारी के साथ-साथ उनके लक्षण और प्रबंधन भी प्रदान किया गया है. इस एप को Play Store पर जाकर आसानी से डाउनलोड किया सकता हैं.
उन्होंने बताया कि इस एप की मदद से किसान अपनी फसल की खेती प्रसंस्करणए रोग और कीटों की जानकारी से संबंधित किसी भी वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करे सकेंगे. वहीं एप के द्वारा वैज्ञानिकों के साथ बातचीत कर सकते हैं. जियोकोडेड फसलवार एरोमा क्लस्टर और डिस्टिलेशन यूनिट इस एप में दर्शाएं गए हैं, जो किसानों के लिए काफी उपयोगी होगी तथा आसपास की वन इकाइयों से बहुत मददगार मिलेगी. डॉ. त्रिवेदी बताते हैं कि एरोमा एप के तहत विकसित होने वाले उत्पादों से संबंधित जानकारी उद्योग और उद्यमियों के लिए प्रदान की गई है.
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इस एप के एक हिस्से के रूप में एक मार्केट प्लेटफॉर्म भी बनाया गया है. ताकि पंजीकृत खरीदार और विक्रेता एक दूसरे से संपर्क कर सकें. डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि "हम लोगों ने ये भी कोशिश की है कि किसान और इंडस्ट्री एक मंच पर आएं. किसानों को पता होना चाहिए कि उनके फसल कौन खरीद रहा है, वो इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक खेती करें, एरोमा मिशन एप पर किसान और इंडस्ट्री दोनों के लिए व्यवस्था है.'
एरोमा मिशन एप के जरिए हम कुछ ऐसे आदिवासी क्षेत्रों तक एक क्लिक में पहुंचते हैं, जहां पहुंचना मुश्किल था, देश भर में हमने ऐसे 20 क्ल्स्टर बनाएं हैं. कुछ तो ऐसे क्षेत्र हैं जहां पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं थी, वहां तक हमारे वैज्ञानिक पहुंचे और उन्हें बताया कि कैसे ऐरोमैटिक प्लांट से उनकी आमदनी बढ़ सकती है. डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि एरोमा एप का फायदा उठाने के लिए किसानों और व्यापारियों को एप पर पंजीकरण करना होगा. पंजीकृत लोग आपस में संवाद भी कर सकेंगे.