
कॉटन का दाम आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं. क्योंकि इसकी फसल कम होने का अनुमान है. भारत सहित कई देशों में उत्पादन कम होने का अनुमान है. इसके बड़े उत्पादक महारष्ट्र में दाम 7200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. जो एमएसपी से अधिक है. राज्य की कुछ मंडियों में भाव तेजी से बढ़ा है जबकि कुछ में एमएसपी से कम है. सरकार ने 2023-24 के लिए मध्यम रेशेवाली कपास की एमएसपी 6080 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6620 रुपए प्रति क्विंटल कर दी है. जबकि लम्बे रेशेवाली किस्म का एमएसपी 6380 रुपए से बढ़ाकर 7020 रुपए प्रति क्विंटल किया है. किसान उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल दाम 8000 रुपये के ऊपर जा सकता है.
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने अपने पहले फसल अनुमान में कहा है कि 2023-24 में कॉटन उत्पादन 295.10 लाख गांठ होगा. जो पिछले 15 वर्षों में सबसे कम है. एक गांठ 170 किलोग्राम की होती है. 2023-24 के लिए अनुमान पिछले वर्ष के 318.90 लाख गांठ से 7.5 प्रतिशत कम है. इस अनुमान के बाद दाम बढ़ने की संभावना है. उत्पादन में गिरावट के लिए अल नीनो के प्रभाव और कपास क्षेत्र में 5.5 प्रतिशत की कमी को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
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सीएआई ने उत्तरी क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 43 लाख गांठ फसल का अनुमान लगाया है. इस रीजन में राजस्थान, हरियाणा और पंजाब आते हैं. मध्य क्षेत्र में उत्पादन 179.60 लाख गांठ बताया गया है, जो पिछले साल के 194.62 लाख गांठ से कम है. इस रीजन में गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश आते हैं. जबकि दक्षिण क्षेत्र में उत्पादन पिछले साल के 74.85 लाख गांठ से कम होकर 67.50 लाख गांठ रह गया है. इस रीजन में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु आते हैं. सभी प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन घटने के अनुमान से दाम बढ़ने की संभावना है.
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