मिल मालिकों और आढ़तियों के मुद्दों को लेकर कल केंद्रीय मंत्री से मिलेंगे CM मान, अब धान खरीदी में आएगी तेजी!

मिल मालिकों और आढ़तियों के मुद्दों को लेकर कल केंद्रीय मंत्री से मिलेंगे CM मान, अब धान खरीदी में आएगी तेजी!

केंद्रीय मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान सीएम मान ने जोशी को स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया और मामले पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए समय मांगा. मान ने कहा कि वह सोमवार को दिल्ली में जोशी से मिलेंगे.

सीएम मान भी पहुंचे बैठक में. (फाइले फोटो)सीएम मान भी पहुंचे बैठक में. (फाइले फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 13, 2024,
  • Updated Oct 13, 2024, 5:10 PM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान चावल मिल मालिकों और आढ़तियों (कमीशन एजेंट) के मुद्दों को उठाने के लिए इस सोमवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी से मिलेंगे. मिल मालिक और आढ़ती अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे राज्य में धान की खरीद पर प्रतिकूल असर पड़ा है. शनिवार को धान की चल रही खरीद की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मान ने कहा कि मिल मालिकों और आढ़तियों की मांगें 'वास्तविक' हैं और केंद्र को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान मान ने जोशी को स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया और मामले पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए समय मांगा. मान ने कहा कि वह सोमवार को दिल्ली में जोशी से मिलेंगे. आढ़ती जहां कमीशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, वहीं चावल मिल मालिक चाहते हैं कि केंद्र पिछले सीजन का अनाज का स्टॉक ले जाए, ताकि अधिक जगह बन सके और पीआर-126 धान किस्म के लिए आउट-टर्न अनुपात के मानदंड की समीक्षा की जा सके. मान ने मंडियों में चल रही खरीद और अनाज के उठान के साथ-साथ किसानों को किए जा रहे भुगतान का भी जायजा लिया.

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धान का एक-एक दाना खरीदा जाए

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि धान का एक-एक दाना खरीदा जाए और मंडियों से उठाया जाए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धान का एक-एक दाना खरीदने और उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. मान ने कहा कि अब तक 4.3 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान मंडियों में आ चुका है. उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके लिए किसानों को 573.55 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और राज्य सरकार ने मंडियों में फसल आते ही उसे खरीदने के लिए पहले से ही व्यापक व्यवस्था कर ली है. किसान यूनियनों ने अनाज मंडियों से धान उठाने में कथित देरी को लेकर रविवार को राज्य में सड़कें जाम करने का फैसला किया है. साथ ही, चावल मिल मालिक धान का स्टॉक लेने में अनिच्छुक हैं, जिससे आढ़तियों और किसानों के लिए समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

परिसर में अनाज रखने से इनकार

कल ही खबर सामने आई थी कि पंजाब में धान की खरीद के बीच, राज्य के चावल मिलर्स ने एक बार फिर मिलिंग के लिए अपने परिसर में अनाज रखने से इनकार कर दिया है. इससे खरीद एजेंसियों में हड़कंप मच गया है, जिन्हें अगले सप्ताह से धान की अधिक आवक की उम्मीद है. हालांकि, पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन ने पिछले शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक के बाद अपना आंदोलन वापस ले लिया था, क्योंकि राज्य ने उनकी अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया था. लेकिन अब, मिलर्स फिर से उग्र हो गए हैं. उन्होंने धान की मिलिंग और भंडारण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है. इससे पीआर 126 किस्म के धान की पैदावार पर चिंता जताई जा रही है. वहीं, आरोप है कि यह किस्म भारतीय खाद्य निगम के खरीद मानदंडों को पूरा नहीं करेगा, जिससे मिलर्स को भारी नुकसान होगा.

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