केंद्र ने फोर्टिफाइड चावल के 600 स्टैक को किया खारिज, FCI के खिलाफ भड़के मिलर्स

केंद्र ने फोर्टिफाइड चावल के 600 स्टैक को किया खारिज, FCI के खिलाफ भड़के मिलर्स

मिलर्स ने कहा कि फोर्टिफाइड चावल के कम पोषण मूल्य के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, और एफसीआई द्वारा चुने गए आपूर्तिकर्ताओं को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. इसके बाद ये मिलर्स हड़ताल पर चले गए, जिसके बाद राज्य सरकार के आग्रह पर नमूनों की दोबारा जांच का आदेश दिया गया.

गैर बासमती चावलगैर बासमती चावल
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 31, 2024,
  • Updated Aug 31, 2024, 3:08 PM IST

केंद्र सरकार ने 2023-24 के मार्केटिंग सत्र में पंजाब के मिलर्स द्वारा आपूर्ति किए गए फोर्टिफाइड चावल के 600 स्टैक को फिर से खारिज कर दिया है. इससे मिलर्स भारतीय खाद्य निगम (FCI) के खिलाफ भड़क गए हैं, क्योंकि उसने चावल को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, जबकि नमूने पिछले साल दोबारा किए गए परीक्षण में पास हो गए थे. फोर्टिफिकेशन के बाद गुणवत्ता के लिए अधिकांश नमूनों के दोबारा किए गए परीक्षण के रिजल्ट पॉजिटिव थे. ऐसे में कथित तौर पर सरकार ने रिजल्ट को स्वीकार कर लिया था. लेकिन आज, FCI द्वारा राज्य भर में अपने 13 डिवीजनल प्रबंधकों को पत्र भेजे गए, जिसमें कहा गया कि 600 स्टैक को उतने ही मिलर्स द्वारा बदला जाना चाहिए. जब ​​तक वे स्टैक को नहीं बदलते, तब तक,  FCI ने इन मिलर्स द्वारा सीजन के लिए तैयार चावल को स्वीकार करना बंद कर दिया है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब चावल उद्योग संघ के भारत भूषण बिंटा ने कहा कि जब पिछले साल दोबारा की गई जांच में पुष्टि की गई थी कि चावल कर्नेल फोर्टिफिकेशन की गुणवत्ता अच्छी थी, तो हमें स्टैक को कैसे और क्यों बदलना चाहिए? दरअसल, समस्या 2022 में शुरू हुई, जब इन चावल मिलर्स ने चावल के साथ मिश्रण के लिए एफसीआई द्वारा नियुक्त निर्माताओं से फोर्टिफाइड चावल प्राप्त किया. मिश्रण के बाद, जब पिछले साल चावल की डिलीवरी हुई और एफसीआई ने नमूनों का परीक्षण किया, तो उन्होंने पाया कि फोर्टिफाइड चावल का पोषण मूल्य मानकों से कम था. तब एफसीआई ने उस चावल के स्टॉक को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था.

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क्वालिटी टेस्टिंग में पास हो गए थे

दूसरी ओर, मिलर्स ने कहा कि फोर्टिफाइड चावल के कम पोषण मूल्य के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, और एफसीआई द्वारा चुने गए आपूर्तिकर्ताओं को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. इसके बाद ये मिलर्स हड़ताल पर चले गए, जिसके बाद राज्य सरकार के आग्रह पर नमूनों की दोबारा जांच का आदेश दिया गया. फिरोजपुर में चावल छीलने वाली इकाई के मालिक रंजीत सिंह जोसन ने कहा कि एफसीआई ने खुद स्वीकार किया है कि अधिकांश चावल के नमूने बाद में गुणवत्ता परीक्षण में पास हो गए थे.

जांच में कुछ नमूने फेल हो गए थे

उन्होंने यहां तक ​​​​कहा कि मिलर्स का सारा बकाया चुकाया जाए. हालांकि, अब जब एफसीआई ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से चावल के इन ढेरों को प्राप्तकर्ता राज्यों में भेजने की अनुमति मांगी तो उसे अस्वीकार कर दिया गया. पंजाब क्षेत्र के एफसीआई के क्षेत्रीय महाप्रबंधक बी श्रीनिवासन ने कहा कि पिछले साल दोबारा जांच के दौरान भी कुछ नमूने फेल हो गए थे. उन्होंने पुष्टि की कि शीर्ष स्तर पर यह निर्णय लिया गया है कि ढेरों को बदला जाना चाहिए. 

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