Capsicum Price: हिमाचल में आई बाढ़ तो शिमला मिर्च के लिए महाराष्ट्र पहुंचे व्यापारी, किसान को मिल रहा 100 रुपये प्रति किलो तक दाम

Capsicum Price: हिमाचल में आई बाढ़ तो शिमला मिर्च के लिए महाराष्ट्र पहुंचे व्यापारी, किसान को मिल रहा 100 रुपये प्रति किलो तक दाम

ह‍िमाचल प्रदेश में खराब मौसम का फायदा अब महाराष्ट्र के क‍िसानों को म‍िल रहा है. उनके टमाटर और श‍िमला म‍िर्च का भाव र‍िकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. व्यापारी आकर सीधे खेतों से श‍िमला म‍िर्च खरीद रहे हैं, ज‍िससे मंडी में ले जाने का खर्च भी बच रहा है. 

शिमला मिर्च का किसानों को मिला रहा है अच्छा भाव शिमला मिर्च का किसानों को मिला रहा है अच्छा भाव
सर‍िता शर्मा
  • Solapur,
  • Jul 15, 2023,
  • Updated Jul 15, 2023, 4:53 PM IST

कुछ ही महीने पहले जहां श‍िमला म‍िर्च की खेती करने वाले क‍िसान अच्छे दाम के ल‍िए तरस रहे थे तो वहीं अब उन्हें अच्छा भाव म‍िल रहा है. ह‍िमाचल प्रदेश में बाढ़ के बाद दूसरे राज्यों के क‍िसानों को इसका फायदा म‍िल रहा है. महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के रहने वाले किसान बलिराम चव्हाण ने इस साल शिमला मिर्च की खेती की है. इसकी खेती से अब उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है, क्योंक‍ि दाम बढ़ गया है. चव्हाण ने बताया कि उन्हें शिमला मिर्च का भाव 100 रुपये प्रति किलो से अध‍िक म‍िल रहा है. व्यापारी खुद आकर खेत से ही शिमला मिर्च खरीद कर ले जा रहे हैं. क‍िसानों के मंडी जाने का भी खर्च बच रहा है. ज‍िन क‍िसानों ने इसकी खेती की हुई है वो अच्छे दाम से काफी खुश हैं. चाव्हाण ने अनार की खेती छोड़कर काफी दूर से पानी लाकर इसकी खेती की थी. 

चव्हाण ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में चल रहे खराब मौसम के कारण शिमला मिर्च की आवक मंड‍ियों में कम है. वहां पर इसकी खेती भी बर्बाद हो गई है. इसल‍िए अब दिल्ली के व्यापारी महाराष्ट्र से श‍िमला म‍िर्च मंगा रहे हैं. वो खुद किसानों के खेत में जाकर शिमला मिर्च खरीद रहे हैं. चव्हाण ने बताया क‍ि एक व्यापारी ने सीधे खेत से 101 रुपये प्रति किलो के भाव से इसकी खरीद की. लेक‍िन, हमेशा ऐसा दाम नहीं रहता है. अध‍िकांश समय क‍िसानों को दाम बहुत कम म‍िलता है. 

पहले मिला था इतना दाम

सांगोला सूखाग्रस्त तालुका के रूप में जाना जाता है. किसानों का कहना है कि यहां खेती का मतलब कड़ी मेहनत है. फिर भी प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरते हुए किसान बलिराम चव्हाण अनार की खेती छोड़ यहां तीन एकड़ में शिमला मिर्च की फसल लगाई थी. चव्हाण ने कहा पहली खेप में उन्हें शिमला मिर्च का दाम 74 रुपये प्रति किलो मिला था. 

इस बीच, हिमाचल में बाढ़ के बाद, उत्तर भारत के व्यापारियों ने महाराष्ट्र से अच्छी गुणवत्ता वाली शिमला मिर्च की तलाश शुरू कर दी. इसका फायदा राज्य के क‍िसानों को म‍िल रहा है. सांगोला तालुका के किसान चव्हाण के खेत की मल्चिंग पर लगी शिमला मिर्च को देखकर व्यापारी ने मौके पर ही 101 रुपये प्रति किलो का भुगतान क‍िया. इसके अलावा अगले दो महीने तक अच्छा दाम देने का वादा भी क‍िया है. क्योंक‍ि इसकी फसल कम है.  

क‍िसान ने क्या कहा?  

चव्हाण ने बताया कि महाराष्ट्र में शिमला मिर्च की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है. लेकिन यहां से बाजार काफी दूर हैं इसलिए परिवहन में ज्यादा खर्च हो जाता है और कम मुनाफा मिलता है. व्यापारी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और ह‍िमाचल से शिमला मिर्च खरीदते हैं. इस साल हमें हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत में मौसम खराब होने से फायदा मिल रहा है. ऐसा ही दाम रहा तो अगले दो महीनों में मिर्च उत्पादकों को लाखों का मुनाफा होगा.

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तीन एकड़ में लगाए 50 हजार पौधे

चव्हाण ने अपने तीन एकड़ के खेत में 50 हजार शिमला मिर्च के पौधे लगाए थे. चव्हाण का 12 टन माल 101 रुपये के भाव पर बिका है. उनका कहना है कि दूसरी खेप का उन्हें 12 लाख की आय हुई है. उनके खेत में पैदा हुई श‍िमला मिर्च का वजन 150 ग्राम से 250 ग्राम तक है. पहली फसल में ही उनकी सारी लागत निकल गई है. अब जो भी म‍िलेगा वह सीधा मुनाफा होगा. 

अच्छा दाम म‍िला तो क‍ितना फायदा 

एक तरफ महाराष्ट्र में क‍िसानों को प्याज का बहुत कम दाम म‍िल रहा है. दूसरी ओर, अब बहुत समय बाद टमाटर, अदरक और श‍िमला म‍िर्च का अच्छा भाव म‍िल रहा है. चव्हाण ने इसकी खेती के ल‍िए काफी मेहनत की थी. नौ किलोमीटर दूर से खेत तक पाइपलाइन से पानी ले आए. ड्रिप के माध्यम से पानी का सही इस्तेमाल क‍िया. शिमला मिर्च मई की भीषण गर्मी वाले महीने में लगाई गई थी. इसके चलते अंदेशा था क‍ि पता नहीं फसल कैसी होगी. लेकिन चव्हाण की मेहनत रंग लाई. ऐसा ही दाम रहा तो दो-तीन महीने में तीन एकड़ में 50 लाख रुपये से अध‍िक की कमाई हो सकती है.

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