वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने घोषणा की कि कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पहलों के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाएगा. खास कर दालों और तिलहनों के उत्पादन, भंडारण और मार्केटिंग पर तेज गति से काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम उनके उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत करेंगे. उनकी माने तो इस पहल का उद्देश्य सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भरता हासिल करना है.
वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुसार, सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक रणनीति बनाई गई है. वहीं, सब्जियों की सप्लाई चेन को बढ़ाने के लिए बजट में मेजर कंजप्शन सेंटर्स के नजदीक सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर विकसित करने का प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि हम कलेक्शन, भंडारण और मार्केटिंग सहित सब्जियों की सप्लाई चेन के लिए किसान उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे.
ये भी पढ़ें- Budget 2024: उपज बढ़ाने के लिए जलवायु अनुकूल 32 फसलें जारी होंगी, बागवानी के लिए 109 वैराइटी लॉन्च होंगी
बजट में निर्मला सीतारमण ने कृषि में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा के लिए तीन वर्षीय योजना की घोषणा की, जिसका लक्ष्य किसानों और उनकी भूमि को व्यापक रूप से कवर करना है. उन्होंने कहा कि जलकृषि की क्षमता को पहचानते हुए, बजट में झींगा ब्रूडस्टॉक के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर का नेटवर्क बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है. राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से झींगा पालन और निर्यात के लिए फाइनेंशियली मदद की सुविधा दी जाएगी, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र को बढ़ावा देना है.
झींगा पालन और निर्यात के लिए पैसों की सुविधा नाबार्ड के माध्यम से दी जाएगी. सहकारी क्षेत्र के सीस्मेटिक और सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक नई राष्ट्रीय सहयोग नीति पेश की जाएगी. साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को तेजी से आगे बढ़ाना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन करना नीतिगत लक्ष्य होगा. इस नीति का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को तीव्र गति देना तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना है.
ये भी पढ़ें- 1 रुपया में फसल बीमा कराएं इन 4 राज्यों के किसान, 31 जुलाई है रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख