Bihar News: सावधान! भूल के भी मत जलाना पराली, वरना सरकारी रेट पर नहीं बिकेगा धान

Bihar News: सावधान! भूल के भी मत जलाना पराली, वरना सरकारी रेट पर नहीं बिकेगा धान

बिहार के किसान अगर खेत में पराली जलाते हैं, तो उनसे राज्य की सरकार धान की खरीदारी नहीं करेगी. वहीं वैसे किसानों पर कानूनी कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है जो खेतों में पराली जलाते पकड़े जाएंगे. ऐसे किसान सरकारी योजनाओं से हाथ भी धो बैठेंगे. 

बिहार के किसान अगर खेत में पराली जलाते है. राज्य सरकार धान की खरीदारी नहीं करेगी. फोटो-किसान तक बिहार के किसान अगर खेत में पराली जलाते है. राज्य सरकार धान की खरीदारी नहीं करेगी. फोटो-किसान तक
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Oct 30, 2023,
  • Updated Oct 30, 2023, 6:04 PM IST

रबी सीजन में होने वाली खेती को लेकर किसान तैयारी कर रहे हैं. इसके साथ ही धान की कटाई भी शुरू हो चुकी है. इस दौरान धान की कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने की घटना भी देखने को मिल रही है. लेकिन अब वैसे किसानों के लिए पराली खेतों में जलाना आसान नहीं होगा क्योंकि बिहार सरकार ऐसे किसानों पर काफी सख्ती करने जा रही है. बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा है कि पराली जलाने वाले किसानों को अभी तक डीबीटी के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान से वंचित किया जा रहा था. लेकिन अब उन्हें धान खरीदी के लाभ से भी वंचित किया जाएगा.

बता दें कि बीते वर्ष पंचायतों, प्रखंडों में जहां धान कटनी के बाद पराली जलाने की घटना पाई गई थी, उन इलाकों में विशेष ध्यान देते हुए सरकार ने सेटेलाइट से भी फोटो खींची थी. अब सरकार पराली जलाने वाले किसानों की लिस्ट प्रखंड कार्यालयों में चिपकाएगी. सरकार के इस निर्णय को लेकर किसानों का कहना है कि सभी किसानों के पास या उनके आसपास पराली प्रबंधन की बेहतर सुविधा नहीं होने की वजह से इस तरह के कदम उठाते हैं. पराली प्रबंधन की बेहतर सुविधा हो तो कोई किसान खेत में पराली नहीं जलाएगा. 

ये भी पढ़ें-Parali Burning: हिसार में बदस्तूर जारी हैं पराली जलाने की घटनाएं, सरकार की करोड़ों की स्कीम फेल

सरकार ने पराली प्रबंधन पर दिया जोर

मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बीते दिनों फसल प्रबंधन को लेकर बैठक की थी जिसमें उन्होंने कहा कि अक्टूबर माह में ही राज्य में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब स्थिति में जा रहा है. जैसे-जैसे धान की कटनी का समय आएगा, वैसे-वैसे स्थिति बिगड़ने की संभावना है. इसलिए पिछले साल जिस पंचायत या ब्लॉक में पराली जलाने के अधिक मामले आए, उन इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाए. इसके साथ ही पराली जलाने वाले किसानों को अभी डीबीटी के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान से वंचित किया जा रहा था. अब उन्हें धान खरीदी के लाभ से भी वंचित किया जाए. साथ ही उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें-Bihar News: सरकार पराली प्रबंधन से जुड़े कृषि यंत्रों पर दे रही अनुदान, जानें किस मशीन पर मिलेगा लाभ

हार्वेस्टर के मालिक को देना होगा शपथ-पत्र

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने पराली प्रबंधन को लेकर पदाधिकारियों को संबंधित अंतर्विभागीय जिला स्तर पर कार्य समूह की बैठक करने का निर्देश दिया है. जिला पदाधिकारी ने फसल कटनी के पूर्व जिले में कंबाईन हार्वेस्टर के मालिक या संचालक के साथ बैठक कर उन्हें फसल अवशेष न जलाने के लिए सचेत करने को कहा है. वहीं कंबाईन हार्वेस्टर के संचालन के पूर्व जिला प्रशासन से अनुमति पत्र प्राप्त करना जरूरी होगा. इसके साथ ही कंबाईन हार्वेस्टर के मालिक या संचालक के द्वारा फसल अवशेष न जलाने के संबंध में शपथ-पत्र देने का प्रावधान किया गया है. फसल कटनी के बाद फसल अवशेष जलने की घटना होने पर उस जिला के पदाधिकारियों के साथ फिर से 10-20 दिनों के बाद एक बैठक आयोजित की जाएगी. 

MORE NEWS

Read more!