देश के सबसे बड़े सरसों उत्पादक राज्य राजस्थान में किसानों पर मौसम की तगड़ी मार पड़ी है. भयंकर ठंड और पाले की वजह से सरसों की फसल खराब हो गई है. कई जगहों पर परेशान किसानों ने फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. पशुओं से खेतों को बचाने के लिए लगाए गए तारों पर ठंड से जम रहा पानी यह बता रहा है कि फसलों के लिए स्थितियां कितनी विपरीत हैं. झुंझुनू जिले के किसानों का आरोप है कि फसल बीमा कंपनी ने नुकसान बताने के लिए जो नंबर जारी किया है वो बंद है. सवाल यह है अगर नंबर ही बंद रहेगा तो किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा.
बीमा कंपनी का नंबर बंद आ रहा है, इसलिए पाले से फसलों को हो रहे नुकसान की समस्या को लेकर राष्ट्रीय किसान प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ने झुंझुनू जिले की सूरजगढ़ तहसील के एसडीएम को ज्ञापन दिया. रबी फसलों खासतौर पर सरसों को हुए नुकसान का सर्वे करवाकर जल्द अधिक से अधिक राहत दिलाने की मांग की है. किसान महंगाई को देखते हुए 60 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा मांग रहे हैं.
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एसोसिएशन के सचिव पवन पायल ने कहा कि बीमा कंपनियों और कृषि अधिकारियों के गठजोड़ की वजह से ऐसा नहीं लग रहा कि किसानों के नुकसान की पूरी भरपाई हो पाएगी. फसल खराब हुई तो सूरजगढ़ के बेरला गांव में एक किसान ने 20 बीघे में बोई गई सरसों की फसल नष्ट कर दी. किसान सोच रहे हैं कि ऐसा करने से कम से कम हरी खाद का काम हो जाएगा. अगर फसल को खेत में छोड़ देंगे तो 5 से 7 फीसदी दाना निकल सकता है. लेकिन, कटाई और मजदूरी नहीं निकलेगी.
पायल ने बताया कि जो अगेती किस्म की फसल थी, जिसमें दाना लग चुका था वो 90 फीसदी से अधिक खराब हो चुका है. फली ब्लैक हो चुकी है. जबकि पछेती में 50 से 60 फीसदी फसल के नुकसान का अनुमान किसान खुद लगा रहे हैं. सप्ताह भर से पड़ रहे पाले की वजह से रबी सीजन की फसल में बर्फ जमने से भारी नुकसान हुआ है. सब्जियों की खेती भी बर्बाद हुई है. रोज रात को बर्फ जमने के कारण सरसों की खड़ी फसल में 90 से 100 प्रतिशत तक की क्षति हुई है. इस वजह से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है.
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किसान नेता पायल ने बताया कि फसल बीमा कंपनी का टोल फ्री नंबर बंद है. इस वजह से किसान अपनी फसल में हुए नुकसान की शिकायत दर्ज नहीं करवा पा रहा है. जबकि 72 घंटे के अंदर कंपनी को देनी होती है फसल क्षति की सूचना तभी क्लेम मिलता है. बीमा कंपनी की इस गलती की सजा किसानों को नहीं मिलनी चाहिए. इसलिए ज्ञापन के जरिए किसानों ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वो पाला पड़ने की वजह से खराब हुई फसलों का सर्वे करवाकर अधिक से अधिक मुवावजा दिलाने का कष्ट करें. ताकि, किसानों को राहत मिल सके.