आंध्र प्रदेश के नागरिक आपूर्ति मंत्री एन मनोहर ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन के दौरान 51 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है. मंत्री ने बताया कि NDA गठबंधन सरकार ने पिछली YSRCP सरकार द्वारा कथित रूप से बकाया 763 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है, जिसका 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान लंबित था. बता दें कि पिछले साल, राज्य ने 34 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदा था.
आंध्र प्रदेश के नागरिक आपूर्ति मंत्री एन मनोहर ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राज्य सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन के दौरान 51 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदने का लक्ष्य रखा है. मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार वित्तीय बाधाओं के बावजूद समावेशी ढंग से काम करने, राज्य भर के चावल मिल मालिकों को समय पर भुगतान और सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत चावल की तस्करी रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि चावल मिल मालिकों को तस्करी रोकने के लिए सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए. आइए, किसानों के लिए मिलकर काम करें और इस व्यवस्था को कायम रखें.
मनोहर ने आगे कहा कि 35 बैंकों के माध्यम से 1:2 अनुपात में बैंक गारंटी की व्यवस्था की जाएगी और परिचालन संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे जिलों में वास्तविक समय पर निगरानी लागू की जाएगी. खरीद सुधारों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि किसान व्हाट्सएप के माध्यम से पंजीकरण कर सकेंगे, भुगतान 48 घंटों के भीतर जमा हो जाएगा और सारी प्रक्रिया पूरी तरह से कागज रहित होगी. मिल मालिकों को सलाह दी गई कि वे नमी मापने वाली मशीनों, परिवहन सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण बोरों की पहले से तैयारी सुनिश्चित कर लें.
पूरे आंध्र प्रदेश में अनाज की खरीद 27 अक्टूबर से शुरू होगी. मनोहर ने कहा कि धान के संग्रह को सुविधाजनक बनाने के लिए 3,000 से अधिक रायथू सेवा केंद्र, लगभग 2,000 प्राथमिक खरीद केंद्र और लगभग 10,000 कर्मचारी तैनात किए जाएंगे.
इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में किसानों और उपभोक्ताओं के लिए कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण और मोबाइल ‘रायतु बाजार’ यानी चलता-फिरता किसान बाजार शुरू करने का आह्वान किया. उन्होंने अधिकारियों को ‘रायतु बाजारों’ के लिए मास्टर प्लान तैयार करने और किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. नायडू ने कृषि और संबद्ध विभागों की समीक्षा बैठक में कहा कि अधिकारियों को मिलकर काम करना होगा, ताकि उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों को ठोस लाभ मिले.
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