तेलंगाना में 1050 करोड़ की लागत से बनेगी पाम ऑयल की 5 यूनिट, किसानों की ऐसे बढ़ जाएगी इनकम

तेलंगाना में 1050 करोड़ की लागत से बनेगी पाम ऑयल की 5 यूनिट, किसानों की ऐसे बढ़ जाएगी इनकम

कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने कहा कि राज्य की जलवायु परिस्थितियां पाम ऑयल की खेती के लिए भी उपयुक्त हैं. इससे राज्य को आयात पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा. साथ ही साथ रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि पाम ऑयल एक दीर्घकालिक फसल है जो 25 से 30 वर्षों तक नियमित उपज देती है.

तेलंगाना में पाम ऑयल की खेती. (सांकेतिक फोटो)तेलंगाना में पाम ऑयल की खेती. (सांकेतिक फोटो)
वेंकटेश कुमार
  • Noida,
  • Dec 17, 2023,
  • Updated Dec 17, 2023, 1:50 PM IST

पाम ऑयल की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. तेलंगाना सरकार ने प्रदेश में पांच पाम ऑयल यूनिट लगाने का फैसला किया है. खास बात यह है कि कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने नई पाम ऑयल इकाइयों की फाइल पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं. वहीं, कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि राज्य में पांच पाम ऑयल यूनिट लगने से किसानों को काफी फायदा होगा. किसान पहले के मुताबिक और अधिक रकबे में पाम ऑयल की खेती करेंगे, जिससे उन्हें अच्छी कमाई होगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में पाम ऑयल की खेती की पर्याप्त संभावनाएं हैं. अगर किसान अधिक रकबे में इसकी खेती करते हैं, तो उनकी कमाई बढ़ जाएगी. क्योंकि राज्य सरकार ने पाम ऑयल की खेती से जुड़े किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए कमर कस ली है. उन्होंने कहा कि 1050 करोड़ रुपये लागत से प्रदेश में पांच ऑयल पाम इकाइयां लगाई जाएंगी. इसके लिए सरकार की तरफ से मंजूरी भी मिल गई है.

कृषि आधारित शिक्षा दी जाए

खास बात यह है कि इस मौके पर कृषि मंत्री ने प्रदेश में 4.07 करोड़ रुपये की लागत से 110 रायथु वेदिकाओं तक वीडियो कॉन्फ्रेंस नेटवर्क सुविधा का विस्तार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. उनकना कहना है कि सरकार चाहती है कि रयथु वेदिकाओं का उपयोग आधुनिक कृषि पद्धतियों पर शिक्षा देने के लिए किया जाए. 

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नियुक्ति पत्र भी सौंपा है

वहीं, मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने पारदर्शी शासन की सुविधा के लिए कृषि विभाग और निगमों के विभिन्न विंगों को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने वाले एक अन्य दस्तावेज पर भी हस्ताक्षर किया. इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में जिला सहकारी कार्यालयों के साथ-साथ सहकारिता आयुक्त, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार में सभी गतिविधियों को कम्प्यूटरीकृत किया जाना चाहिए. उन्होंने सेरीकल्चर विभाग के कर्मचारी के बेटे आशीष कुमार को नियुक्ति पत्र भी सौंपा. उन्हें अनुकंपा के आधार पर उसे नौकरी दी गई थी.

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