Crop Loss: राजस्‍थान के धौलपुर में बाढ़-बारिश ने बरपाया कहर, 50 प्रतिशत फसल हुई बर्बाद

Crop Loss: राजस्‍थान के धौलपुर में बाढ़-बारिश ने बरपाया कहर, 50 प्रतिशत फसल हुई बर्बाद

Dholpur Crop Loss: धौलपुर जिले में इस मॉनसून सीजन में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ की करीब 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है. राजाखेड़ा, बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा और सैपऊ उपखंड में खेत जलमग्न हैं. बाजरा और तिल फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.

Dholpur rain crop damageDholpur rain crop damage
क‍िसान तक
  • Dholpur,
  • Aug 23, 2025,
  • Updated Aug 23, 2025, 2:14 PM IST

राजस्थान के धौलपुर जिले में इस मॉननसून सीजन में बारिश ने खरीफ फसलों को बुरी तरह चौपट कर दिया हैं. जिले के सात बांध, नदी, तालाब, पोखर और खेत पानी से लबालब हो गए हैं. चम्बल और पार्वती नदी के रौद्र रूप से कई गांवों में बाढ़ आ जाने से खेतो में खड़ी फसल नष्ट हो गई हैं. हर साल मॉनसून के दौरान जिले में 650 एमएम बारिश दर्ज की जाती है, लेकिन इस बार अबतक 717 एमएम बारिश हो चुकी है, जिसकी वजह से खेत-खलिहान तालाब के रूप में तब्दील हो गए हैं. बारिश-बाढ़ के चलते खेतों में खड़ी खरीफ की करीब 50 फीसदी से अधिक फसल बारिश के पानी में डूब जाने से नष्ट हो चुकी हैं.

फसलों का तना और बाली में सड़ गई

किसानों ने कड़ी मेहनत से महंगे खाद-बीज खरीदक कर खरीफ फसल की दो-तीन बार बुवाई की थी और उसे मुकाम तक पहुंचाया था, लेकिन लगातार हुई बारिश की मार से किसान अब मुसीबत में पड़ गए हैं. बारिश और बाढ़ से खेत जलमग्न होने के कारण जिले के राजाखेड़ा, बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा और सैपऊ उप खंड में करीब पचास फीसदी से अधिक फसल नष्ट हो चुकी हैं. पानी से फसल का तना, बाली पूरी तरह नष्ट हो गए हैं. बालियां तो पानी से सड़ गई हैं.

नकदी फसल को भी हुआ नुकसान

जिन किसानों ने खेतों में खरीफ की फसल के साथ नगदी फसल बोई थी, वो भी पानी में डूबने से नष्ट हो चुकी हैं.  साथ ही पशुओं का चारा भी पानी में डूब जाने से खराब हो गया है. किसानों ने बताया कि खेतों में मेहनत से फसल को तैयार किया था. लेकिन, बारिश ने अरमानों पर पानी फैर दिया है. उनके पास फसल के अलावा दूसरा जरिया आजीविका का पशु पालन रह जाता है. लेकिन, चारा बर्बाद होने से आगामी दिनों में पशु पालने में भी संकट का सामना करना पड़ेगा.

किसानों ने की मुआवजे की मांग

किसानों ने बताया कि गांव में बाढ़ जैसे हालात बारिश थमने के बाद भी बने हुए हैं. अभी तक फसल नुकसान का सर्वे करने के लिए कोई भी नहीं आया है. किसानों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि ख़राब हुई फसल का सर्वे करा कर मुआवजा दिलाया जाए और खेतों से पानी निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.

बुवाई में भी पिछड़ चुका है धौलपुर 

कृषि विभाग के मुताबिक, धौलपुर जिले में एक लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई होनी थी. लेकिन, लगातार बारिश होने के कारण बुवाई पिछड़ गई और 85, 292 हेक्टेयर में ही बुवाई हुई. इसमें बाजरा 80 हजार 250 हेक्टेयर, तिल- 645 हेक्टेयर, ज्वार- 327 हेक्टेयर, धान- 150 हेक्टेयर, ग्वार- 185 हेक्टेयर, मूंग- 76 हेक्टेयर, उड़द- 16 हेक्टेयर, मूंगफली- 8 हेक्टेयर, अरहर- 68 हेक्टेयर के साथ सब्जी और अन्य फसल की बुवाई हुई है. 

जिले में बाजरा की सबसे ज्‍यादा होती है खेती

धौलपुर कृषि विभाग मुख्यालय के सहायक निदेशक प्रभुदयाल शर्मा ने बताया कि धौलपुर जिले में बाजरा मुख्य फसल हैं और दूसरे नंबर पर तिल हैं. मूंग, उड़द, ज्वार, ग्वार और अन्य खरीफ की फसलों का एरिया बहुत कम है. जिले में बारिश का एवरेज 650 एमएम हैं और अबकी बार लगातार बारिश होने से एक लाख हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य पिछड़ गया हैं.

खेतों में जलभराव की समस्या बनी रही और किसानों ने दो तीन बार बुवाई भी की है. लेकिन, लक्ष्य के मुताबिक बुवाई नहीं हो सकी. उन्होंने बताया कि बारिश और बाढ़ के कारण राजाखेड़ा, बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा और सैपऊ उप खंड में फसलों को काफी नुकसान हुआ हैं. उन्होंने बताया कि कई जगह 33 फीसदी तो कई जगह 50 फीसदी और कई जगह 75 से सौ फीसदी फसल नष्ट हुई है.

बाजरा की फसल में 26025 हेक्टेयर, ज्वार में 169 हेक्टेयर, तिल में 491 हैक्टेयर, ग्वार में 146 हेक्टेयर, उड़द में 16 हेक्टेयर का नुकसान हुआ हैं. जिले में करीब पचास फीसदी से अधिक फसल को नुकसान हुआ हैं. जिले में जहां-जहां जलभराव है और बाढ़ आई है वहां-वहां खरीफ की फसल को काफी नुकसान हुआ है. जिले में 95 फीसदी बाजरा की बुवाई होती है तो इसलिए इस फसल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. (उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)

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