पंजाब में भारी बारिश के चलते कई नदियों और डैम का जलस्तर बढ़ा हुआ है. इस बीच, गुरुवार को पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने फिरोजपुर और तरनतारन जिलों में उफान पर बह रही नदियों से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कहा कि राज्य सरकार लोगों को फसल और अन्य नुकसान की भरपाई करेगी. तरनतारन में मंत्री गोयल ने कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ हरिके हेडवर्क्स से नीचे की ओर सतलुज नदी पर बने महत्वपूर्ण 'धुस्सी बांध' का निरीक्षण किया.
गोयल ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए आठ कैबिनेट मंत्रियों को नियुक्त किया गया है. उपायुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और सभी विभागीय अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों को तत्काल मदद के लिए प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य ध्यान बाढ़ प्रभावित आबादी को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, आवश्यक स्वास्थ्य सेवा, खाद्य आपूर्ति प्रदान करने और पशुधन की उचित देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने पर है.
गोयल ने कहा कि पंजाब सरकार ने बाढ़ रोकथाम कार्यों पर 276 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पिछले कुछ हफ्तों में हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है, जिससे ब्यास और सतलुज नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ गया है. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके होशियारपुर जिले का टांडा, कपूरथला जिले का सुल्तानपुर लोधी और फिरोजपुर, फाजिल्का और तरनतारन जिलों के कुछ गांव हैं.
इस बीच, पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी के बाढ़ प्रभावित गांवों बाऊपुर जदीद और संगरा का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नदियों में बढ़ते जलस्तर से हुई फसल और अन्य नुकसान की भरपाई के लिए विशेष गिरदावरी (नुकसान का आकलन/सर्वे) के आदेश जारी किए हैं.
मुंडियां ने यह भी बताया कि कपूरथला, तरनतारन, फिरोज़पुर और फाजिल्का के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की निगरानी एक मंत्रिस्तरीय समिति कर रही है. पंजाब के कैबिनेट मंत्री राहत कार्यों की निगरानी और लोगों की शिकायतें सुनने के लिए विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं, ताकि उचित और समय पर कार्रवाई की जा सके.
मंत्री ने कहा कि 'धुस्सी' को और मजबूत करने और मिट्टी के तटबंधों को मजबूत करने के लिए पूरे पंजाब में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की अतिरिक्त टीमें तैनात करने और प्रभावित लोगों के बीच सूखा राशन, दवाइयां और पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने जिला प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर फॉगिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और पशु चिकित्सकों को बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर पशुओं की जांच करने का आदेश दिया.
रारा गांव के सरपंच चरणजीत सिंह संधू ने बताया कि इलाके के निचले इलाकों में पानी घुस गया है. उन्होंने फसल के नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि 2023 की बाढ़ के बाद सरकार की ओर दी गई 7,200 रुपये प्रति एकड़ की राहत वास्तविक खर्च की तुलना में बहुत कम है.
उन्होंने कहा, "सिर्फ़ धान की कटाई पर ही लगभग 5,000 रुपये प्रति एकड़ का खर्च आता है, जबकि खेती की कुल लागत लगभग 20,000 रुपये आती है. सरकार को इस बार उचित मुआवज़े की घोषणा करनी चाहिए." टांडा के उप-मंडल मजिस्ट्रेट परमप्रीत सिंह ने बताया कि पांच गांवों को अलर्ट पर रखा गया है और अब्दुल्लापुर को पहले ही खाली करा लिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित परिवारों को जरूरी मदद दी जा रही है. (पीटीआई)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today