राजस्थान के कोटा में रामगंजमंडी और चेचट क्षेत्र के किसानों की फसलें भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा की वजह से पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं. लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई मुआवजा नहीं मिलने से किसानों का गुस्सा उबाल पर है. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि 23 सितंबर तक मुआवजा घोषित नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
“फसलें खत्म हो गईं, आमदनी शून्य हो गई है. सरकार अगर हमारी नहीं सुनेगी, तो हम सड़कों पर उतरेंगे और भूख हड़ताल करेंगे.”
“हर बार सर्वे तो होता है लेकिन मदद ज़मीन पर नहीं पहुंचती.”
"यह आंदोलन प्रतीकात्मक नहीं होगा. अगर मुआवजा नहीं मिला तो जिलेभर के किसान अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे."
भारी बारिश से राजस्थान के कई जिले प्रभावित हैं जिनमें मुख्य प्रभावित जिले कोटा, बूंदी, झालावाड़, सीकर, झुंझुनूं, बारां, टोंक, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा आदि शामिल हैं. पूर्वी राजस्थान क्षेत्र में अधिक प्रभाव देखा जा रहा है.
मॉनसून के दौरान असामान्य या अत्यधिक बारिश हुई, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई. पानी की निकासी न होने के कारण खेत जलमग्न हो गए. किसानों की खरीफ फसलें प्रभावित हुईं.
मुख्य फसलें: मक्का, ग्वार, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, चना, अरहर, गेहूं (रबी फसल). फसलें पूरी तरह या आंशिक रूप से नष्ट हुईं. बुवाई की गई फसलें समय से पानी में डूब जाने के कारण सूख गईं.
बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति से किसानों का भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. उन्हें खेती का कर्ज चुकाने में दिक्कत हो रही है. परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. ऊपर से फसल बीमा के दावों में देरी और पेचीदगियां मुश्किलें पैदा कर रही हैं. खेतों में लगी फसलों का भारी नुकसान हुआ है जिससे अगली फसल की तैयारी भी प्रभावित हुई है.