राजस्थान के धौलपुर जिले में उगे आम देश के साथ-साथ अब विदेश में भी अपनी पहचान बना रहे हैं और यहां के आम की लगातार डिमांड बढ़ रही है. धौलपुर जिले के बसेड़ी उप खंड क्षेत्र के खेमरी गांव में मौजूद आम उत्कृष्टता केंद्र खेमरी (CENTER OF EXCELLENCE FOR MANGO KHEMRI) की इस बार दूर-दूर तक चर्चा हो रही है. राजस्थान सरकार की ओर से 44 हैक्टेयर में बनाए गए इस फार्म में 23 वैरायटी के आम पेड़ो पर लदे हैं और 18 वैरायटी के आम अगले सीजन में तैयार हो जाएंगे. फार्म में 41 वैरायटी के आमों के सैकड़ों पेड़ हैं.
इस फार्म के 23 वैरायटी के उत्पादित आम सिर्फ धौलपुर के बाजार में ही नहीं, बल्कि देश के कौने-कौने में भेजे जा रहे हैं. इन आमों की मिठास की डिमांड तो बढ़ रही है, साथ ही यह मिठास अमेरिका तक चुकी है. धौलपुर कृषि विभाग के उपनिदेशक उद्यान डॉ. तनोज चौधरी ने बताया कि आम उत्कृष्टता केंद्र खैमरी में वर्तमान में आमों की बहार है. 44 हैक्टेयर में फैले इस फार्म में आम्रपाली,मल्लिका,अरुणिका,केसर,नीलम,हापुस,पूसा अरुणिमा, दशहरी, लंगड़ा, चौसा, तोतापुरी, सोनपुरी, रतना, अम्बिका, वनराज, सिंधु, निलेसान, रामकेला, पूसा श्रेष्ठ, पूसा लालिमा, प्रतिभा, बाम्बेग्रीन, पूसा पीताम्बर जैसी प्रमुख वैरायटी के आम पेड़ों पर लदे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि किसानों को बागवानी के लिए तैयार करने और उन्हें प्रशिक्षण के साथ पौध उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने आम उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया हैं, जिससे किसानों को बागवानी से मुनाफा हो सके. उप निदेशक उद्यान डॉक्टर चौधरी ने बताया कि फार्म में लगे इन आमों का राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन ठेका दिया जाता है और ठेकेदार पेड़ों से आमों की तुड़ाई कराकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली की मंडियों में भेज रहा है. यहां के आम की सबसे ज्यादा बाजार में कीमत देखी जा रही है और इन्हें अमेरिका तक भेजा जा रहा है.
तनोज चौधरी ने बताया कि 23 वैरायटी के आमों के पौधों की देखरेख उन्नत तकनीक और ऑर्गेनिक तरीके से की जाती है. इसके साथ ही 18 वैरायटी के आम अगले साल तैयार हो जाएंगे, जिनमे जर्दालु, मालदह, स्वर्ण रेखा, फजली, हेमसागर, महमूद बहार, जवाहर, रानी पसंद, गुलाब ख़ास, सुन्दर लंगड़ा, प्रमाशंकर, सुभाष, बम्बई, सुकुल, हुन्नारा, जर्वा, सबोरन और सुन्दर प्रसाद शामिल हैं. तनोज चौधरी ने बताया कि आम उत्कृष्टता केंद्र खैमरी में उन्नत किस्म की वैरायटी तैयार की जाती है.
फार्म में विशाल नर्सरी स्थापित की गई है, जिसके अंदर ग्राफ्टिंग कर आम के साथ अन्य पौधों को तैयार किया जाता है. 6 महीने तक आम के पौधे को पर्याप्त खाद पानी देने के बाद बनाया जाता है. अगले 6 महीने में पौधे फूल और फल देने की स्थिति में तैयार हो जाता है. दूसरे साल के बाद पौधा पूरी तरह से विकसित हो जाता है और करीब 3 क्विंटल तक फल देने लगता है.
उन्होंने बताया कि नर्सरी में एक हजार 600 आम के पौधे, तीन हजार 850 नींबू के पौधे, एक हजार 65 आंवला के पौधे, एक हजार 850 करौंदा के पौधे और 600 अमरुद के पौधे तैयार किए गए हैं, जो किसानों के लिए प्रशिक्षण के साथ निर्धारित दर पर उन्हें दिए जाएंगे. शेष बचे पौधों को फ़ार्म में लगा दिया जाएगा.
उप निदेशक डॉक्टर चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार की इस योजना से आम के कारण धौलपुर को एक नई पहचान मिल रही हैं और स्थानीय क्षेत्र में व्यापार भी बढ रहा है. यह सेंटर फॉर एक्सीलेंस मैंगो हब के रुप में अपनी पहचान बना रहा है. जिसकी जानकारी लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. राज्य सरकार ने कृषि महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र के साथ रिसर्च को लेकर एमओयू साइन किया हैं. वहां के वैज्ञानिक यहां आकर विजिट करते हैं. (उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)