Paddy Sowing: पंजाब के किसानों को धान बुवाई में नहीं होगी दिक्‍कत, रोजाना इतने घंटे मिलेगी बिजली

Paddy Sowing: पंजाब के किसानों को धान बुवाई में नहीं होगी दिक्‍कत, रोजाना इतने घंटे मिलेगी बिजली

पंजाब में धान की बुवाई शुरू हो गई है. इसी के साथ सरकार भी इसे लेकर एक्टिव है. पंजाब सरकार के ब‍िजली मंत्री ने कहा कि धान की बुवाई को मद्देनजर रखते हुए रोजाना बिजली की 8 घंटे सप्‍लाई की जाएगी और जरूरत पड़ने पर सप्‍लाई की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है.

Punjab Paddy Sowing ElectricityPunjab Paddy Sowing Electricity
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 20, 2025,
  • Updated May 20, 2025, 4:17 PM IST

Punjab Paddy Farming: पंजाब में अब खरीफ धान की बुवाई का काम शुरू हो गया है, जिसे लेकर राज्‍य सरकार और बिजली विभाग सतर्क हो गए हैं, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की दिक्‍कत न झेलनी पड़े. राज्‍य के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने सोमवार को कहा कि धान के सीजन के दौरान किसानों को बिजली की आपूर्ति निर्बाध मिलती रही, इसके लिए उचि‍त व्‍यवस्‍था की गई है. मंत्री ने कहा कि धान सीजन के दौरान किसानों को हर दिन आठ घंटे निर्बाध बिजली दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है.

17 हजार मेगावॉट बिजली की व्‍यवस्‍था

मंत्री ने कहा कि राज्य में मौजूदा 15 बिजली यूनिट्स में से 14 वर्तमान में पूरी क्षमता से काम कर रही हैं और बाकी यूनिट अगले तीन दिन में चालू हो जाएगी. पिछले साल राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 16,058 मेगावाट थी और इस साल 17,000 मेगावॉट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा, पावर प्‍लांट्स में 30 दिन का कोयला भंडार है और राज्य में ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे को भी उन्नत किया गया है.

किसानों से सीधी बुवाई अपनाने की अपील

बिजली मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में चावल की सीधी बुआई (डीएसआर) पद्धति को बढ़ावा देने के निर्देश जारी किए हैं. इस बार डीएसआर का शेड्यूल पिछले सालों की तुलना में पहले जारी किया गया है. पारंपरिक तरीकों से एक किलोग्राम धान (चावल) उगाने में लगभग 3,800 लीटर पानी लगता है, जबकि डीएसआर विधि से प्रति किलोग्राम चावल पर 400-500 लीटर पानी की बचत होती है. इसके अलावा, राज्य सरकार डीएसआर विधि अपनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,500 रुपये की सब्सिडी देती है.

1 जून से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास होगी बुवाई

उन्होंने कहा कि 15 मई से 31 मई तक सीधी बुवाई की अनुमति है. 1 जून से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास और नहर सिंचाई सुविधाओं वाले क्षेत्रों में बुवाई की अनुमति होगी, जिसमें फरीदकोट, बठिंडा, फिरोजपुर, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का शामिल हैं. वहीं, 5 जून से गुरदासपुर, पठानकोट, तरनतारन, अमृतसर, रूपनगर, एसएएस नगर (मोहाली), फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर में बुवाई शुरू हो सकती है. 

धान की बुआई के कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि शेष जिलों लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पटियाला, संगरूर, बरनाला, कपूरथला, जालंधर और शहीद भगत सिंह नगर में बुआई 9 जून से शुरू होगी. डीएसआर पद्धति के लिए आठ घंटे की दैनिक बिजली आपूर्ति 15 मई से शुरू हो चुकी है. अन्य क्षेत्रों के लिए, आठ घंटे की आपूर्ति राज्य सरकार द्वारा जारी बुआई कार्यक्रम के अनुसार लागू की जाएगी.

'घरेलू उपभोक्ताओं और उद्योगों को निर्बाध मिलेगी बिजली'

सिंह ने आश्वासन दिया कि सरकार बुआई के मौसम के दौरान किसानों को समर्थन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पर्याप्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस धान के मौसम के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं और उद्योगों के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. (पीटीआई)

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