महाराष्ट्र में नासिक के प्याज किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले तो यहां प्याज को लेकर खूब राजनीति हुई. निर्यात बंदी होने से किसानों का बहुत नुकसान हुआ. बीच में प्याज के दाम बढ़ने से इस नुकसान की भरपाई हुई. हालांकि फिर से प्याज का मंडी भाव नीचे चला गया है जिससे किसान अपनी उपज को लेकर चिंतित हैं. इस बीच नासिक के देओला तालुका से एक बुरी खबर सामने आई है. यहां 100 एकड़ में लगी प्याज की फसल खरपतवारनाशक (Herbicide) के छिड़काव से बर्बाद हो गई है. नासिक के किसान कई महीने से प्याज के दाम को लेकर शिकायत कर रहे थे. अब उसी कड़ी में हर्बीसाइड से बर्बाद प्याज का मामला जुड़ गया है.
100 एकड़ प्याज की फसल खराब होने की खबर मिलने के बाद कृषि मंत्री देर रात किसान के घर पहुंचे. कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने खरपतवारनाशक बनाने वाली कंपनियों के अधिकारियों को पीड़ित किसानों को मुआवजा देने के सख्त निर्देश दिए हैं. इस अवसर पर कलवण उपविभागीय कृषि अधिकारी अशोक दामले को कंपनी के बनाए दवाओं का टेस्ट करने और प्रभावित किसानों के नुकसान का पंचनामा करने के निर्देश दिए गए हैं.
दरअसल, देओला तालुका में खरपतवारनाशक के छिड़काव से 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में प्याज की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इस भारी नुकसान की जानकारी मिलने पर राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने अपना निर्धारित दौरा रोक दिया और सीधे किसानों के खेतों का दौरा किया. कृषि मंत्री कोकाटे देर रात प्रभावित किसानों के खेतों में पहुंचे और खेतों में घुमकर जायजा लिया.
मंत्री कोकाटे ने खरपतवारनाशक बनाने वाली कंपनी के अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करने के आदेश दिए. उन्होंने नुकसान की भरपाई के लिए तत्काल कदम उठाने के सख्त निर्देश भी दिए. इस अवसर पर कलवण उपविभागीय कृषि अधिकारी अशोक दामले को प्रभावित किसानों का पंचनामा करने के निर्देश दिए गए.
शुरुआती तौर पर अनुमान लगाया जा रहा है कि संबंधित कंपनी द्वारा खरपतवारनाशक को बनाने में की गई गलतियों के कारण नुकसान हुआ है. इसके चलते कृषि मंत्री कोकाटे ने कंपनी से मुआवजा दिलाने के लिए सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है.
भारत के कुल प्याज निर्यात में से सबसे ज्यादा प्याज बांग्लादेश को निर्यात किया गया. पिछले साल 20 परसेंट और उससे पिछले साल 17 परसेंट प्याज अकेले बांग्लादेश को निर्यात किया गया था. लेकिन अब चूंकि जनवरी के अंत तक स्थानीय किसानों का प्याज बड़ी मात्रा में बांग्लादेश के बाजार में आ जाएगा, इसलिए बांग्लादेश सरकार ने 16 जनवरी से प्याज के आयात पर 10 परसेंट आयात शुल्क लगाना शुरू कर दिया है.
इस फैसले से भारतीय प्याज किसानों में काफी चिंता है. खासकर नासिक के किसानों में. नासिक में इतनी उपज होती है कि इसे प्याज की राजधानी कहा जाता है. हर साल नासिक जिले से बड़ी मात्रा में प्याज भारतीय बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी जाता है. लेकिन आयात शुल्क की मार झेल रहे किसानों के प्याज पर अतिरिक्त घाटे की आशंका सता रही है.