महाराष्ट्र सरकार ने खरीफ सीजन की फसल सर्वेक्षण की समयसीमा एक माह बढ़ाकर 31 अक्टूबर तक कर दी है. इस बारे में राजस्व विभाग की ओर से आधिकारिक जानकारी दी गई है. भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं के चलते पहले ही सर्वेक्षण की समयसीमा दो सप्ताह बढ़ाई गई थी, जिसकी अंतिम तारीख 30 सितंबर तय की गई थी. अब राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इसे एक महीने और आगे बढ़ाने की जानकारी दी है. सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि 2025 के खरीफ सीजन का फसल सर्वेक्षण इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाए.
कलेक्टरों को सर्वेक्षण की प्रगति की प्रतिदिन निगरानी करने और अधिकारियों को खेतों तक जाकर वास्तविक स्थिति का आकलन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. बावनकुले ने अधिकारियों से यह कार्य पूरी सावधानी और गंभीरता से करने पर जोर दिया है, ताकि सर्वेक्षण 100 प्रतिशत पूरा हो सके. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को प्रारंभिक अनुमान का हवाला देते हुए बताया था कि राज्य में बारिश और बाढ़ से करीब 60 लाख हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है.
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को "वेट ड्रॉट (अतिवृष्टि)" जैसे शब्दों की बाजीगरी छोड़कर बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सीधी आर्थिक सहायता और कर्जमाफी देनी चाहिए. उन्होंने याद दिलाया कि जब फडणवीस विपक्ष के नेता थे, तब उन्होंने खुद एक पत्र लिखकर महाराष्ट्र में वेट ड्रॉट घोषित करने की मांग की थी.
ठाकरे ने सवाल उठाया कि अगर यह शब्द उस समय अस्तित्व में था तो अब मुख्यमंत्री बनने के बाद यह आधिकारिक दस्तावेजों से कैसे गायब हो गया. उन्होंने कहा कि राज्य में 60 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुआ है और किसानों की दशहरा-दिवाली पर होने वाली आय बर्बाद हो गई है.
इस पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ा पलटवार किया और कहा कि उद्धव ठाकरे को पहले अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल पर आत्मचिंतन करना चाहिए. शिंदे ने आश्वस्त किया कि महायुति सरकार किसानों को बड़ी राहत देगी और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाएगी.
फडणवीस ने भी कहा था कि सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को वही लाभ और सुविधाएं देगी जो आमतौर पर सूखा घोषित होने पर दी जाती हैं. हालांकि उन्होंने यह साफ किया कि "वेट ड्रॉट" जैसी कोई आधिकारिक परिभाषा सरकारी नियमावली में नहीं है.
उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि प्रभावित किसानों को अब तक कोई ठोस मदद नहीं मिली है और सरकार संवेदनहीन रवैया अपना रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र की टीम भी नुकसान का जायजा लेने नहीं पहुंची है. ठाकरे ने दोहराया कि किसानों को बिना पंचनामा किए तत्काल प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये दिए जाएं और उनके कर्ज पूरी तरह माफ किए जाएं.