Mosambi: जालना में किसान ने 2 एकड़ के मौसंबी बाग पर चलवाया जेसीबी, 400 पेड़ किए तबाह

Mosambi: जालना में किसान ने 2 एकड़ के मौसंबी बाग पर चलवाया जेसीबी, 400 पेड़ किए तबाह

Mosambi Farmig: महाराष्ट्र के जालना में बड़े स्तर पर मौसंबी की खेती होती है. लेकिन हाल के वर्षों में खेती घाटे का सौदा हो गई है. इस वजह से किसान मौसंबी के बाग उजाड़ रहे हैं और किसी अन्य फसल की खेती कर रहे हैं.

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क‍िसान तक
  • Jalna (Maharashtra),
  • Jun 05, 2025,
  • Updated Jun 05, 2025, 6:20 AM IST

महाराष्ट्र के जालना जिले से एक दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां एक किसान ने अपनी ही मौसंबी की बाग पर जेसीबी चलवा दी. कारण लागत निकालना भी मुश्किल हो गया था. बाजार में गिरते दाम और बढ़ती लागत से परेशान किसान ने मजबूरी में 400 मौसंबी के पेड़ों को नष्ट कर डाला. जालना जिले के उटवद गांव के किसान लक्ष्मण गव्हाळे ने अपने खेत करीब 7 वर्ष पहले मौसंबी के करीब 400 पेड़ लगाए थे. दो एकड़ में फैले इस बाग की देखभाल पर हर साल 50 से 60 हजार रुपए तक का खर्च आता था. लेकिन बाजार में मौसंबी के दाम इतने गिर गए कि उत्पादन से लागत भी नहीं निकल रही थी. इसलिए किसान लक्ष्मण गव्हाळे ने दुखी मन से इन पेड़ों को जेसीबी से कटवा दिया. 

किसान का कहना है कि अब इस बाग को संभालना घाटे का सौदा बन गया था. कृषि संकट की यह तस्वीर केवल उटवद की नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में किसान ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. लागत बढ़ती जा रही है, लेकिन उपज के दाम गिरते जा रहे हैं. जालना के किसान अविनाश गव्हाळे की ये तस्वीरें एक कड़वा सच बयां करती हैं. जब खेती फायदे का सौदा नहीं रह जाती, तो किसान को अपनी ही मेहनत को खत्म करना पड़ता है. अब सवाल यह है कि कब मिलेगा किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य? 

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मौसंबी के बाग से आय घटी

पिछले कुछ वर्षों से जालना जिले में सूखे और बीमारियों के कारण मौसंबी के बागों से होने वाली आय उसके खर्च के बराबर नहीं हो पा रही है. इस कारण मौसंबी का उत्पादन करने वाले किसान आर्थिक संकट में पड़ गए हैं. उटवद और आसपास के इलाकों में फलों के बागों का क्षेत्रफल बड़ा है क्योंकि यहां की जमीन फलों के बागों के लिए पोषक है. इसलिए यहां किसान फलों की खेती करते नजर आते हैं. हालांकि, इस साल अप्रैल के महीने में ही कुएं का जलस्तर कम हो गया है. इसके कारण जालना के कई किसानों को अपने बागों को पानी उपलब्ध कराने की समस्या का सामना करना पडा. 

गिरते दाम से किसान निराश

इन समस्याओं के बाद अब फसलों के गिरते दाम की वजह से किसानों में गुस्सा और निराशा दोनों ही बढ़ रही है. सही दाम न मिलने की वजह से किसानों के लिए फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. उत्पादन की उचित लागत नहीं निकलने के कारण किसानों पर बागों में लगाए पेड़ जेसीबी से उखाड़ने की नौबत आ गई है. इस कारण किसान संकट में नजर आ रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार इस परिस्थिति को देखते हुए किसानों का कर्ज माफ कर उन्हे आर्थिक मदद दे.

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लागत निकालना भी मुश्किल

इससे पहले जालना जिले के ही अंबड़ तहसील के हस्तपोखरी गांव के एक किसान ने अपने मौसंबी के बगीचे पर जेसीबी चलाकर उसे बर्बाद कर दिया था. आपको बता दें कि मौसंबी के इस किसान का नाम उद्धव चव्हाण है. मौसंबी के बगीचे पर लगातार संकट मंडरा रहा है. किसान मौसंबी की खेती पर जितना खर्च करते हैं, उससे भी कम कमा पा रहे हैं. इस वजह से किसानों के लिए अपने बगीचे का रखरखाव करना मुश्किल हो गया है.(गौरव साली की रिपोर्ट)

 

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