किसानों की आत्‍महत्‍या में आगे है ये जिला, फिर भी खरीफ के लिए लोन बांटने का टारगेट अधूरा

किसानों की आत्‍महत्‍या में आगे है ये जिला, फिर भी खरीफ के लिए लोन बांटने का टारगेट अधूरा

Farmer Loan: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के किसानों को इस वर्ष खरीफ सीजन के लिए बैंकों से 670.55 करोड़ रुपये का ऋण मिला है, जबकि निर्धारित लक्ष्य 1,596.63 करोड़ रुपये का था. गौरतलब है कि छत्रपति संभाजीनगर महाराष्ट्र के मराणवाड़ा क्षेत्र का वो जिला है जहां किसानों की आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

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क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Jul 10, 2025,
  • Updated Jul 10, 2025, 6:26 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के किसानों को इस साल खरीफ सीजन के लिए बैंकों की ओर से टारगेट से कहीं कम लोन दिया गया है. बता दें कि छत्रपति संभाजीनगर महाराष्ट्र के मराणवाड़ा क्षेत्र के उन आठ जिलों में आता है, जहां पिछले 6 महीनों में किसानों की आत्महत्या के मामले 20 प्रतिशत बढ़े हैं. जिले के किसानों को अभी तक मात्र 670.55 करोड़ रुपये का ऋण मिला है, जबकि इसके लिए निर्धारित टारगेट 1,596.63 करोड़ रुपये का था. एक अधिकारी ने बताया कि वितरित किया गया यह लोन निर्धारित लक्ष्य का मात्र 42 प्रतिशत है.

ऋण माफी की उम्मीद में नहीं चुका रहे लोन

इस मामले को लेकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसान नए लोन लेने को लेकर उत्साहित नहीं हैं. उन्हें सरकार से ऋण माफी की उम्मीद है, इसलिए वे अपना पिछला कर्ज भी नहीं चुका रहे. नया ऋण लेने के लिए पहले का लोन चुकाना ज़रूरी है.

गौरतलब है कि भारत में खरीफ का सीजन जून से शुरू होकर सितंबर तक चलता है. इसलिए खरीफ फसलों को मानसूनी फसलें भी कहा जाता है. इनकी बुवाई भी पहली बारिश के साथ ही शुरू हो जाती है. मगर इस मौसम के दौरान कृषि कार्यों के लिए किसानों को लोन का वितरण अप्रैल के आसपास ही शुरू होता है और आमतौर पर अगस्त से पहले तक समाप्त हो जाता है.

गांव-गांव जाकर बैंक दे रहे लोन

इस मामले को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि 2025 खरीफ सीजन के लिए बैंकों को छत्रपति संभाजीनगर जिले के 1.54 लाख किसानों को 1,596.63 करोड़ रुपये वितरित करने का लक्ष्य दिया गया है. मगर अभी तक बैंकों ने 670.55 करोड़ रुपये का लोन ही किसानों को वितरित किया है. यह रकम 3 जुलाई के लिए निर्धारित लक्ष्य का केवल 42 प्रतिशत ही है."

अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने 'ऋण के लिए आवेदन जमा करें' योजना शुरू की है. इसके तहत बैंक कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी खुद ही गांव-गांव जाकर किसानों को मौके पर ही लोन वितरण की औपचारिकताएं पूरी करते हैं. उन्होंने बताया कि इस योजना से अब तक 6,405 किसानों को 59.30 करोड़ रुपये का लोन प्राप्त करने में मदद मिली है. 

आत्महत्या में दूसरे स्थान पर छत्रपति संभाजीनगर

पीटीआई के मुताबिक, मध्य महाराष्ट्र क्षेत्र में सबसे ज्यादा आत्महत्या करने वाले जिलों में बीड पहले स्थान पर है. यहां चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में 126 किसानों ने जान दे दी. इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर जिला का स्थान है जहां, ये आंकड़ा 92 पर है. मराठवाड़ा के 8 जिलों में जनवरी से जून 2024 के बीच कुल 430 किसानों ने आत्महत्या की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में इसी अवधि (26 जून तक) के दौरान इस क्षेत्र में 520 किसानों ने आत्महत्या की.

PTI के इनपुट के साथ.

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