Alphonso Mango: हापुस ऐसे बना अल्फांसो आम... ये रही इसकी इनसाइड स्टोरी

Alphonso Mango: हापुस ऐसे बना अल्फांसो आम... ये रही इसकी इनसाइड स्टोरी

अल्फांसों को हापुस आम भी कहते हैं. ये अपने मिठास, स्वाद और सुगंध के दुनिया भर में मशहूर है. अल्फांसों आम सबसे ज्यादा जापान,अमेरिका समेत कई देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है. यह किलो नहीं बल्कि दर्जन में बिकता है. एक दर्जन की कीमत होती है 1200 से 1500 रुपये.

अल्फांसो आम की है कई सारी खासियत
सर‍िता शर्मा
  • Ratnagiri ,
  • Apr 05, 2023,
  • Updated Apr 05, 2023, 3:09 PM IST

आम.... ये नाम से तो बेहद आम है, लेक‍िन गर्मि‍यों का सीजन आते ही ये बेहद खास बन जाता है. अपने स्वाद से लेकर रंग और खुशबू के चलते आम देश-दुन‍िया के लोगों को अपनी ओर आकर्ष‍ित करता है. वैसे तो भारत में आम की कई क‍िस्में हैं, ज‍िसमें दशहरी, लंगड़ा, जर्दालू, केसर, बंगनपल्ली, चौसा, हिम सागर, नीलम और मल्लिका प्रमुख हैं. आम की ये सभी क‍िस्में क‍िलो के ह‍िसाब से ब‍िकती हैं, लेक‍िन इन सबसे अलग अल्फांसो आम अकेला ही दर्जन के ह‍िसाब से बाजार में ब‍िकता है. आज की कहानी अल्फांसो के नाम...ये नाम बेशक अंग्रेजीदां लग सकता है, लेक‍िन, सच ये है क‍ि इस नाम का असली नाम हापुस है. पढ़‍िए हापुस के अल्फांसो बनने की इनसाइड स्टोरी... 

इसलिए हापुस आम बन गया अल्फांसो  

कहते हैं हर बदलाव के पीछे कोई न कोई कहानी जुड़ी होती है. व्यक्ति, वस्तु और स्थान के नाम में बदलाव होने के किस्से बड़े दिलचस्प होते हैं. इसी तरह से हापुस आम का नाम अल्फांसो पड़ने के पीछे भी बड़ा खास किस्सा है. दरअसल अल्फांसो एक अंग्रेजी नाम है, यह नाम पुर्तगाल के सैन्य रणनीतिकार अफोंसो अल्बूकर्क का हुआ करता था. कहते हैं अफोंसो अल्बूकर्क को बागवानी का बड़ा शौक था. गोवा में जब पुर्तगालियों का शासन था, उस वक्त अफोंसो अल्बूकर्क ने स्वादिष्ट आमों के बहुत से पौधे लगाए थे. इन आमों को इनके स्वाद के कारण दुनियाभर में पसंद किया जाना लगा. बाद में सैन्य रणनीतिकार अफोंसो अल्बूकर्क की मृत्यु के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उन लगाए आमों की किस्म को अल्फांसो नाम दिया गया.  

अल्फांसो आम की ये है खासियत  

इस आम की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह पकने के एक हफ्ते बाद तक खराब नहीं होता. यहीं वजह है कि इस आम का निर्यात भारत से सबसे अधिक होता है. अल्फांसो आम का वजन 150 से 300 ग्राम के बीच होता है. इसमें मिठास, स्वाद और सुगंध में दूसरे किस्म के आम से पूरी तरह अलग होता है. अब चूंकि यह आम थोड़ा खास है, इसलिए इसकी कीमत भी सबसे अधिक होती है. यह देश का पहला आम के जो किलो नहीं दर्जन के भाव बिकता है. यह किलो नहीं बल्कि दर्जन में बिकता है. एक दर्जन की कीमत होती है 1200 से 1500 रुपये.

 

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