मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में किसानों पर दोहरी मार पड़ती नजर आ रही है. पहले किसानों पर आसमानी आफत बारिश बनकर बरसी जिससे उनकी फसलों को नुकसान हुआ. अब किसान गेहूं बेचने के लिए कृषि उपज मंडी पहुंचे तो यहां पर उनको उचित दाम नहीं मिल रहा है. गेहूं का समर्थन मूल्य यानी कि MSP 2125 रुपये घोषित किया गया है. लेकिन मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही कई किसानों का गेहूं समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर बिका है. किसानों का गेहूं एमएसपी से नीचे बिक रहा है जिससे वे बेहद परेशान हैं. अधिकारियों ने कहा कि भीगने से गेहूं में सफेदपन आ गया है और दाने भी छोटे हो गए हैं जिसकी वजह से उचित दाम नहीं मिल रहा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही कहा है कि किसानों का नमी वाला गेहूं भी खरीद लिया जाएगा. वहीं गेहूं का समर्थन मूल्य भी 2125 रुपये घोषित किया गया है. लेकिन उनके गृह जिले सीहोर में ही कई किसानों का गेहूं समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर बिका है. यहां कृषि उपज मंडी में गेहूं बेचने पहुंचे कई किसानों का गेहूं 1800, 1900 और 2000 रुपये तक में नीलाम हुआ है.
किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य जब घोषित किया गया है तो उससे कम दाम पर गेहूं नहीं बिकना चाहिए. लेकिन उससे कम दाम पर गेहूं बिक रहा है. बारिश से पहले ही उत्पादन कम हो चुका है. अब दाम भी वाजिब नहीं मिल रहा है. वही कृषि मंडी के अधिकारियों ने बताया है कि गेहूं में सफेदपन है, दाना छोटा पड़ गया है, क्वालिटी खराब हो गई है. इसलिए ऐसे गेहूं का दाम कम मिल रहा है. हालांकि गेहूं की क्वालिटी अच्छी हो तो दाम भी सही मिल रहा है. अच्छा गेहूं दो हजार से 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है.
कृषि उपज मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल में इस बार फायदा कम नुकसान ज्यादा है. पहले तो बारिश से फसलें खराब हुई जिससे उत्पादन कम हो गया. और अब गेहूं बेचने आए तो दाम भी कम मिल रहा है. सरकार ने समर्थन मूल्य 2125 रुपये तय किया है. मगर इससे कम दाम पर गेहूं बिक रहा है जिससे खेती की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है. कृषि उपज मंडी में अवंतीपुरा गांव के किसान गेहूं बेचने पहुंचे तो उनका गेहूं 1900 रुपये प्रति क्विंटल नीलाम हुआ. वही ग्राम फंदा के किसान राहुल का गेहूं भी 2064 बिका. ऐसे कई किसान हैं जिनका गेहूं समर्थन मूल्य से कम दाम पर नीलाम हुआ.
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कृषि उपज मंडी में गेहूं बेचने के लिए पहुंचे किसान अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि वे 20 एकड़ में गेहूं की खेती करते हैं. पहले बारिश और ओलावृष्टि से फसल खराब हुई. गेहूं का दाना सफेद पड़ गया. अब गेहूं को मंडी में बेचने आए तो समर्थन मूल्य से भी कम दाम मिल रहा है. किसान का हर तरफ नुकसान हो रहा है. इतनी मेहनत के बाद भी लागत नहीं निकल रही है. कोई मुनाफा नहीं हो रहा है. अनिल कुमार कहते हैं, जो समर्थन मूल्य तय हुआ है और किसान की जो निर्धारित मांग है, उतना पैसा तो मिलना चाहिए.
किसान रामबाबू मालवीय ने बताया कि समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर गेहूं बिक रहा है. समर्थन मूल्य 2125 रुपये तय किया गया है, लेकिन 1900 और 2000 रुपये तक गेहूं बिक रहा है. इससे भारी नुकसान हो रहा है. लागत भी मुश्किल से निकल रही है. पहले बारिश से फसलें खराब हुईं, अब दाम पूरा नहीं मिल रहा है. दूसरी ओर, कृषि उपज मंडी के सहायक उप निरीक्षक ने बताया कि पानी लगा हल्की क्वालिटी का गेहूं कम भाव में बिक रहा है. अच्छा गेहूं 2000 रुपये से 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है. शरबती गेहूं चार हजार तक बिक रहा है.