मध्य प्रदेश के किसान अब खरीफ फसलों कटाई के लिए तैयार हैं. यहां हर साल बड़े पैमाने पर तिलहन फसल सोयाबीन की खेती की जाती है. पिछले साल बंपर उत्पादन के चलते मध्य प्रदेश देश में सोयाबीन उत्पादन में पहले नंबर पर आया था. वहीं, इस साल एक बार फिर अच्छे उत्पादन की उम्मीद है. इस बीच, राज्य सरकार ने प्रदेश में सोयाबीन की खरीद पर भावांतर भुगतान योजना लागू कर दी है. इस योजना के तहत किसानों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
किसान सामान्य रूप से मंडियों में अपनी उपज बेचेंगे. अगर किसानों को मार्केटिंग सीजन के लिए घोषित एमएसपी से कम कीमत मिलती है तो घाटे की राशि का भुगतान किया जाएगा. इन शर्तों में मिलेगा भुगतान...
राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में आज 3 अक्टूबर से भावांतर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं, जो 17 अक्टूबर तक चलेंगे. इसके बाद 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी तक 2026 तक मंडियों में खरीद की प्रक्रिया चलेगी, जिस पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को कम कीमत मिलने पर भावांतर का लाभ दिया जाएगा.
इससे पहले बुधवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कृषि विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भावांतर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और 2 से 31 अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छता अभियान में शासकीय कार्यालयों के कबाड़ का निपटान किया जाए.