झारखंड में धान खरीद के लिए बैंकों से 1000 करोड़ का कर्ज लेगी सरकार, चल रही तैयारी

झारखंड में धान खरीद के लिए बैंकों से 1000 करोड़ का कर्ज लेगी सरकार, चल रही तैयारी

धान खरीद के लक्ष्य की बात करें तो इस साल सरकार ने 60 लाख टन क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले साल यह 36.30 लाख क्विंटल था. इसे इस बार बढ़ाया गया है. 

पवन कुमार
  • Ranchi,
  • Dec 24, 2023,
  • Updated Dec 24, 2023, 9:56 AM IST

झारखंड में एमएसपी पर धान की खरीद इस साल दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू हो रही है क्योंकि इस बार खरीफ सीजन में मॉनसून की देरी के कारण किसानों को फसलों की बुवाई करने में देरी हुई थी और अब कटाई देर से हो रही है. वहीं सरकार ने इस साल धान खरीद के लक्ष्य को भी बढ़ा दिया है. इस बीच खबर यह मिल रही है कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान की खरीद करने के लिए बैंकों से एक हजार करोड़ रुपये का लोन लेगी. लोन लेने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से प्रक्रिया पूरी की जा रही है.     

बैंकों को लोन देने के लिए आंमत्रित करने के लिए झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक यतींद्र प्रसाद ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकाला है. टेंडर खुलने की आखिरी तारीख 26 दिसंबर रखी गई है. इसके बाद वित्त विभाग की सहमति मिलेगी फिर संबंधित बैंक से कर्ज लेकर धान की खरीद राज्य में शुरू की जाएगी. धान खरीद के लक्ष्य की बात करें तो इस साल सरकार ने 60 लाख टन क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले साल यह 36.30 लाख क्विंटल था. इसे इस बार बढ़ाया गया है. 

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117 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देगी राज्य सरकार

इस बार धान किसानों को केंद्र की तरफ से 2183 रुपये प्रति क्विंटल दिए जाएंगे. इसके अलावा झारखंड सरकार राज्य के किसानों को 117 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देगी. इस तरह से राज्य के किसानों को 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान के दाम मिलेंगें. जबकि ग्रेड ए धान के लिए 2203 रुपये प्रति क्विंटल का दाम तय किया गया है. इस तरह से ग्रेड ए धान के लिए किसानों को 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर से पैसे मिलेंगे. वहीं राइस मिलरों को भी राज्य सरकार की तरफ से 60 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इंसेंटिव दिया जाएगा. सरकार की तरफ से इस य़ोजना पर कुल 70.20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. 

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50 फीसदी राशि का तुरंत होगा भुगतान

राज्य के किसानों को हमेशा यह शिकायत रहती है कि उन्हें धान बिक्री का पैसा ही समय पर नहीं मिलता है. उनकी इस शिकायत को दूर करने के लिए इस बार सरकार ने फैसला किया है कि किसानों को 50 फीसदी की राशि का भुगतान धान बेचने के साथ कर दिया जाएगा. शेष राशि का भुगतान मिलरों द्वारा धान का उठाव करने के बाद किया जाएगा. इस बार देरी से धान की खरीद शुरू हो रही है इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि इस बार 31 मार्च तक धान की खरीद की जाएगी. धान खरीद की सीमा की बात करें तो एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान की खरीद की जाएगी. 

 

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