Jharkhand: लोहरदगा में धान और मक्का का रकबा बढ़ा, अच्छी बारिश से कवरेज एरिया में इजाफा

Jharkhand: लोहरदगा में धान और मक्का का रकबा बढ़ा, अच्छी बारिश से कवरेज एरिया में इजाफा

लोहरदगा जिले में धान की खेती को लेकर कृषि विभाग ने 47 हजार हेक्टेयर में खाेती का लक्ष्य रखा था. इसकी तुलना में अब तक 80 फीसदी क्षेत्र में धान की रोपाई हो चुकी है. जिले में सिर्फ दो खरीफ फसलों की ही बुवाई 50 फीसदी से अधिक हुई है. अच्छी बारिश से बुवाई में तेजी देखी जा रही है.

मक्के की खेतीमक्के की खेती
क‍िसान तक
  • Ranchi,
  • Aug 20, 2024,
  • Updated Aug 20, 2024, 5:30 PM IST

झारखंड में दो साल बाद इस बार अच्छी बारिश हो रही है. जून और जुलाई में हुई कम बारिश के बाद अगस्त के महीने में अच्छी बारिश हो रही है. इस बार हुई अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. इसके साथ ही राज्य में खरीफ फसल की बुवाई भी अच्छी हुई है. शुरुआती दौर में धान की बुवाई का रकबा भले ही कम था और बारिश भी राज्य के अधिकांश जिलों में सामान्य से कम हुई थी, लेकिन जुलाई के अंत और अगस्त महीने की बारिश के बाद स्थिति में सुधार हुआ है. इससे धान के साथ-साथ मक्का और दलहनी फसलों का भी रकबा बढ़ा है. कृषि विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार अब धान की खेती के लिए निर्धारित लक्ष्य की तुलना में अब तक 74.82 फीसदी रोपाई का काम पूरा हो चुका है. 

झारखंड में कुल 18 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य के मुकाबले अब तक 13 लाख 46 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हो चुकी है. जबकि तीन लाख 12 हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती करने का लक्ष्य रखा गया था. इस लक्ष्य की तुलना में अब तक दो साथ 47 हजार हेक्टेयर से अधिक में मक्के की बुवाई हो चुकी है. वहीं इस बार अच्छी बारिश के कारण दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की खेती का भी रकबा बढ़ा है. गुमला जिले में इस बार सबसे अधिक धान की खेती हुई है. यहां पर एक लाख 67 हजार 920 हक्टेयर में धान की खेती की गई है.

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अगस्त की बारिश से स्थिति में सुधार

राज्य के लोहरदगा जिले की बात करें तो इस जिले में मॉनसून ने शुरुआत में काफी बेरुखी दिखाई थी. इस बेरुखी का असर सीधे तौर पर धान और मक्के की खेती पर पड़ा था. किसान परेशान थे क्योंकि बारिश की कमी थी और एक बार के लिए तो किसानों को लग रहा था कि इस बार भी वे खेती नहीं कर पाएंगे. लेकिन जुलाई के आखिरी सप्ताह और अगस्त महीने में हुई बारिश ने किसानों के अंदर विश्वास जगा दिया. किसान फिर खेतों में उतर गए और मक्का समेत तिलहन और दलहन फसलों को लगाया. इसका नतीजा यह हुआ कि जिले में अब कवरेज एरिया बढ़ गया है. जिले में खरीफ फसलों के लिए 80,375 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य रखा गया था. अब तक निर्धारित क्षेत्रफल का 63.63 फीसदी में फसलों की बुवाई हो चुकी है. 

80 फीसदी हुई धान की रोपाई

जिले में धान की खेती को लेकर विभाग ने 47 हजार हेक्टेयर में रोपाई का लक्ष्य रखा था. इसकी तुलना में अब तक 80 फीसदी क्षेत्र में धान की खेती हो चुकी है. जिले में सिर्फ दो खरीफ फसलों की ही खेती 50 फीसदी से अधिक हुई है. जिले में मक्के की बुवाई निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 66.83 फीसदी हुई है. हालांकि मोटे अनाज और दलहनी फसलों की बुवाई निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 50 फीसदी से कम हुई है. अब बारिश अच्छी हो रही है. इससे किसानों को बंपर पैदावार की उम्मीद जगी है. 

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अच्छी उपज की उम्मीद

इस बार किसान धान के साथ-साथ मक्के की भी बेहतर पैदावार की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि शुरुआती दौर में जब कम बारिश हो रही थी, उस वक्त किसानों ने मक्के की खेती पर खासा जोर दिया था. इससे इस बार मक्के की खेती काफी अच्छी हुई है. जिले में 7120 हेक्टेयर में मक्के की खेती का लक्ष्य रखा गया था. इसकी तुलना में अब तक 4758 हेक्टेयर में मक्के की खेती हो चुकी है. इसलिए किसान इस बार धान के साथ मक्के की भी अच्छी उपज की उम्मीद कर रहे हैं.
 

 

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