खरीफ धान की कटाई का समय आने वाला है. इसके साथ ही अब पराली के निपटारे के लिए इसे जलाने की भी कोशिश किसान करेंगे. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और यूपी में पराली जलाने की घटनाओं के कारण दिल्ली की हवा खराब हो जाती है. इस बारे में बताते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण दिल्ली सरकार के लिए मुसीबत बन जाती है. इन परेशानियों को देखते हुए पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि क्षेत्रों में पूसा बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जाएगा. छिड़काव करने के लिए 11 टीमों का गठन किया गया है.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि विभाग के अधिकारी और पदाधिकारी जाकर खेतों का निरीक्षण करेंगे और किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा. इतना ही नहीं, सरकार दिल्ली के उन ग्रामीण इलाकों में भी सभी खेतों पर पूसा डिकंपोजर का छिड़काव करेगी, जहां पर धान की खेती की जाती है. यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित पूसा बायो-डीकंपोजर एक माइक्रोबियल समाधान है जो 15-20 दिनों में धान के भूसे को खाद में बदल सकता है.
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गोपाल राय ने कहा दिल्ली को सर्दियों के मौसम में होने वाली प्रदूषण की समस्या से बचाने के लिए सरकार अभी से ही योजना बना रही है और अपनी शीतकालीन कार्ययोजना को मजबूत कर रही है. इसे देखते हुए सभी विभागों को 15 फोकस बिंदुओं पर अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक विकास विभाग के एक बयान में कहा गया है कि कृषि विभाग ने बायो-डीकंपोजर के छिड़काव के संबंध में किसानों से फॉर्म के माध्यम से जानकारी एकत्र करना शुरू कर दिया है. बयान में बताया गया है कि इस फॉर्म में किसान का विवरण, छिड़काव की जाने वाली भूमि की क्षेत्रफल संबंधी जानकारी और जमीन पर फसल की कटाई सा समय शामिल है.
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मंत्री ने कहा कि किसानों को छिड़काव की तारीख के बारे में भी सूचित किया जाना चाहिए ताकि उनकी सुविधा के अनुसार व्यवस्था की जा सके. उल्लेखनीय है कि धान की खेती दिल्ली के कुछ हिस्सों में ही की जाती है. पिछले साल दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार की ओर से बायो-डीकंपोजर का मुफ्त छिड़काव किया गया था. बायो-डीकंपोजर स्प्रे का बहुत सकारात्मक परिणाम रहा, इससे पराली पिघल गई और खेतों की उर्वरता में भी बढ़ोतरी हुई. हालांकि, मंत्री ने बताया कि इस बार किसानों के सामने एक समस्या है क्योंकि धान की फसल की कटाई और गेहूं की बुआई के बीच समय अवधि कम है. उन्होंने कहा कि सरकार ने बायो डीकंपोजर के छिड़काव की तैयारी शुरू कर दी है ताकि पूरी कवायद में देरी न हो और किसानों को बेहतर परिणाम मिल सकें.