
करनाल स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र शामगढ़ में तीसरा चार दिवसीय आलू एक्सपो का आयोजन किया गया. इस एक्सपो के समापन पर प्रदेश के कृषि मंत्री जे पी दलाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. यहां उन्होंने आलू प्रदर्शनी में विभिन्न नई किस्मों को देखा और किसानों से इन्हें अपनाने की बात कही. कृषि विशेषज्ञों द्वारा कुछ ऐसी किस्में विकसित की गई है जो न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि खारे पानी में भी इसकी खेती हो सकती है. मीडिया से बातचीत में कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए इस केंद्र में आलू की उन्नत किस्में तैयार की जाती है. कुछ ऐसी किस्में है जो 70 दिन में तैयार हो जाती है.
उन्होंने कहा कि पहले हरियाणा में आलू बीज बाहर से लाना पड़ता था लेकिन अब इस केंद्र के माध्यम से बड़ी मात्रा में किसानों तक बीज पहुंचा पाते है. आने वाले समय मे किसान भी इन बीजों का उत्पादन करने लगेंगे. जेपी दलाल ने कहा कि आलू प्रौद्योगिकी केंद्र द्वारा आलू की कुछ ऐसी किस्में तैयार की गई है जो खारे पानी मे भी पैदा हो जाती है, इससे खारे पानी वाले क्षेत्रों में भी किसानों को बड़ा लाभ होगा.
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एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि हमने अभी इफको के साथ मिलकर युवाओं को ड्रोन की ट्रेनिंग दिलवाई है, इसके तहत 10 ड्रोन वैन केवल एक लाख की सिक्युरिटी पर उपलब्ध कराई है. जल्द ही जिन युवाओं ने ट्रेनिंग ली है उन्हें सवा सौ ड्रोन वैन जिनमे महिलाएं भी होंगी उन्हें बिना किसी कीमत के दी जाएगी. उन्हें काम दिलवाने के लिए हमने एक लाख एकड़ भूमि का लक्ष्य लिया है जिसमे नैनो यूरिया का स्प्रे कराया जाएगा. इससे जहां युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं खेती में तकनीकी का प्रयोग बढ़ेगा. इसके लिए किसानों से मात्र 100 रुपये प्रति एकड़ लिए जाएंगे.
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आगामी बजट में कृषि को लेकर मंत्री जी पी दलाल ने कहा कि कोंग्रेस के समय कृषि बजट केवल 800 करोड़ रुपये होता था जो आज बढ़कर 3900 करोड़ रुपये हो गया है. हमारा ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था चुस्त दुरुस्त हो ,उनकी आय बढ़े और विकास पर विशेष ध्यान रहा है इस बार भी इन्ही पर हमारा फोकस रहेगा. वहीं प्रदर्शनी में आये किसानों और कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि नई किस्मों के इस्तेमाल से किसानों को बहुत लाभ होगा. इसके साथ आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल खेती की और अधिक उन्नत करेगा. एक्सपो की खास बात यह रही कि इसमें सामान्य आलू के साथ-साथ काले, गुलाबी, बैंगनी रंग जैसे अनेक आलू की किस्में भी देखने को मिली जिन्हें देख किसान काफी हैरान हुए.