करनाल में यमुना का जलस्‍तर बढ़ने से चिंता में किसान, जान जोखिम में डाल कर रहे फसल की देखरेख

करनाल में यमुना का जलस्‍तर बढ़ने से चिंता में किसान, जान जोखिम में डाल कर रहे फसल की देखरेख

Yamuna Water Level Increase: करनाल में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से किसानों की चिंता बढ़ी है. इंद्री हलके के किसान नाव से खेतों में जा रहे हैं, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. हर साल पानी बढ़ने से सैकड़ों एकड़ फसल नष्ट हो जाती है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान होता है.

Yamuna River FloodYamuna River Flood
कमलदीप
  • Karnal,
  • Jul 02, 2025,
  • Updated Jul 02, 2025, 8:24 PM IST

करनाल में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी से सटे हुए गांवों के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं. किसानों का कहना है कि उन्‍हें जान जोखिम में डालकर फसलों की देखरेख करना पड़ रही है. हालांकि, जिला प्रसाशन का कहना है कि फिलहाल यमुना की स्थिति ठीक है. जिला प्रशासन का कहना बाढ़ बचाव के लिए सभी तरह के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. नदी किनारे कटाव रोकने के लिए पहले भी बहुत स्टड लगाए गए हैं और अब भी स्टड बनाने का काम चल रहा है, ताकि यमुना में अगर पानी का बहाव एक दम तेज आता है तो ब्रीच न हो और कटाव न हो. साथ ही लोगों के घरों में पानी न आए.

दर्जनों गांव के किसानों के सामने संकट

वहीं, नदी के आसपास लगते दर्जनों गांव के किसानों को फसल की चिंता सता रही है. लगातार हो रही पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के चलते यमुना नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है. जिले के इंद्री हलके में यमुना नदी से सटे क्षेत्र के लोगों को चिंता सता रही है. यमुना नदी के दूसरी तरफ किसानों की फसल खड़ी है. ऐसे में किसान हर रोज नाव का सहारा लेकर अपनी खेती कर रहे हैं. नाव में आने-जाने वाले किसानों के पास सेफ्टी के लिए कोई इंतजाम नहीं है. पानी का बहाव अगर बहुत ज्‍यादा हो जाए तो उस स्थिति में किसान अपने खेतों में भी नहीं जा सकते.

'हर साल होता है फसलों का नुकसान'

इस बारे में जानकारी देते हुए किसान शमशेर राहुल राजवीर ने बताया कि हर साल यमुना नदी में पानी का स्तर बढ़ जाने से सैकड़ों एकड़ फसल नष्ट हो जाती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. पहाड़ों में हो रही तेज बरसात और बादल फटने से यमुना नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है. प्रशासन द्वारा यमुना नदी के किनारों पर पत्थर लगाने का काम किया जा रहा है.

नदी पार करने में जान का जोखिम

किसान ने बताया कि यमुना नदी के दूसरी तरफ किसानों की सैकड़ो एकड़ फसल बोई जाती है. किसान यमुना नदी के दूसरे किनारे पर जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे जाते हैं. कई बार तो मजदूरों को दूसरी और ले जाते हुए डूबने से बाल-बाल बचे हैं. प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा स्थायी समाधान नहीं किया गया.

वहीं मामले को लेकर एसडीम अशोक मुंजाल ने कहा कि प्रशासन की तरफ से यमुना नदी क्षेत्र में पर्याप्त इंतजाम किए हुए हैं. नबियाबाद बाद गुरुद्वारे के पास सैटेलाइट लगाई गई है और बीडीपीओ कार्यालय में सैटेलाइट पर आने वाला संदेश केंद्र बनाया गया है. किसानों को बाढ़ से संबंधित कोई जानकारी देनी होती है तो वह सैटेलाइट मैसेज के जरिए उन तक पहुंचा दी जाती है.

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