अमरेली के किसानों की सब्जियां नहीं बिकीं, गुस्से में मवेशियों को खिलाई और नदी में फेंकी

अमरेली के किसानों की सब्जियां नहीं बिकीं, गुस्से में मवेशियों को खिलाई और नदी में फेंकी

रमेशभाई कहते हैं, हमने गोभी, मिर्च और करेला लगाया है, लेकिन दाम नहीं मिल रहे हैं और हमें फेंकना पड़ रहा है. सरकार से विनती है कि सब्ज़ियों के दाम दिए जाएं. हमें इससे कुछ नहीं मिल रहा है. सब्जियों के दाम इतने गिर गए हैं कि उसकी ढुलाई और बिक्री भी महंगी पड़ रही है. इससे बचने के लिए हम सब्जियों को मवेशियों को खिला देते हैं या नाले में फेंक देते हैं.

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क‍िसान तक
  • Amreli,
  • Sep 29, 2025,
  • Updated Sep 29, 2025, 3:36 PM IST

गुजरात के अमरेली जिले के बागसरा क्षेत्र में सब्जी किसानों की नाराजगी फूट पड़ी है. फसलों की मेहनत के बावजूद उन्हें उचित दाम न मिलने से परेशान किसानों ने अपने गुस्से का इजहार अनोखे और दर्दनाक तरीके से किया – किसानों ने अपनी उपज मवेशियों को खिला दी और बची हुई सब्जियां नदी में फेंक दीं.

किसानों का कहना है कि वे महंगी खाद, बीज और श्रमिकों की लागत के साथ फसल उगाते हैं, लेकिन जब बिक्री की बात आती है, तो उन्हें इतना कम दाम मिलता है कि लागत भी नहीं निकलती. गोभी, करेला, मिर्च और बैंगन जैसी सब्जियां महज 4 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं, जबकि बाजार में इन्हीं सब्जियों के 80-100 रुपये प्रति किलो दाम मिल रहे हैं.

गोभी, मिर्च और करेले का नुकसान

बागसरा के किसान रमेशभाई बताते हैं कि उन्होंने खेत में गोभी, मिर्च और करेला लगाया, लेकिन बाजार में इतने कम दाम मिले कि उन्हें फसल खेत से निकालना भी घाटे का सौदा लगा. रमेशभाई कहते हैं, “गोभी की कीमत 4 रुपये किलो है और इसे खेत से निकालने में ही 500 रुपये मजदूरी लग जाएगी, ऊपर से बिक्री और ढुलाई का खर्च अलग.”

मजदूरों की कमी और लगातार घटते भाव से तंग आकर किसानों ने निर्णय लिया कि वह सब्जियां बेचने के बजाय बर्बाद करना ज्यादा बेहतर समझते हैं. मिर्च और करेला जैसे सब्जियां जो मवेशी नहीं खाते, उन्हें किसानों ने नदी में फेंककर अपना आक्रोश व्यक्त किया.

किसानों की मांग है कि सरकार सिर्फ अनाजों के लिए ही नहीं, सब्जियों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करे ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके. किसान यह भी कह रहे हैं कि जब देश के अन्य हिस्सों में सब्जियों के अच्छे दाम मिल रहे हैं, तो अमरेली और नवसारी जैसे क्षेत्रों में किसानों को क्यों नहीं?

सही दाम के लिए सरकार से अपील

सरकार से सीधी अपील करते हुए किसानों ने कहा है कि यदि जल्द समाधान नहीं मिला तो भविष्य में किसान सब्जी की खेती से मुंह मोड़ लेंगे, जिसका असर देश की सब्जी सप्लाई और कृषि व्यवस्था पर पड़ सकता है.

किसान रमेशभाई कहते हैं, हमने गोभी, मिर्च और करेला लगाया है, लेकिन दाम नहीं मिल रहे हैं और हमें फेंकना पड़ रहा है. सरकार से विनती है कि सब्ज़ियों के दाम दिए जाएं. हमें इससे कुछ नहीं मिल रहा है. सब्जियों के दाम इतने गिर गए हैं कि उसकी ढुलाई और बिक्री भी महंगी पड़ रही है. इससे बचने के लिए हम सब्जियों को मवेशियों को खिला देते हैं या नाले में फेंक देते हैं.

रमेशभाई की तरह और भी कई किसान हैं जो सब्जियों के गिरते दाम से परेशान हैं. देश के बाकी हिस्सों में खुले बाजार में सब्जियों के बहुत अच्छे दाम मिल रहे हैं जबकि नवसारी में कीमतें बिल्कुल न के बराबर हैं. कहीं गोभी 100 रुपये किलो है, करेला 80-100 रुपये है और मिर्च भी 100 रुपये के ऊपर चल रहा है जबकि नवसारी के किसानों को 10 रुपये किलो का भाव भी नहीं मिल रहा है. इससे तंग आकर किसानों ने सब्जियों को मवेशियों को खिलाना शुरू कर दिया है. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.(फारूक भाई कादरी का इनपुट)

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