टमाटर की लाली बरकरार... दो सौ रुपये किलो तक पहुंचा भाव, होटल-घरों में बढ़ी सॉस की खपत

टमाटर की लाली बरकरार... दो सौ रुपये किलो तक पहुंचा भाव, होटल-घरों में बढ़ी सॉस की खपत

घरेलू महिलाओं का कहना है कि अभी किलो के बदले पाव में टमाटर खरीदा जा रहा है. चूंकि घर का बजट बढ़ती महंगाई के चलते पहले से बिगड़ा हुआ है, इसलिए लोग दो सौ रुपये किलो टमाटर खरीदने से बच रहे हैं. लोग टमाटर खरीदने से डर रहे हैं.

टमाटर के भाव में लगी आग, 200 रुपये किलो पहुंचा भावटमाटर के भाव में लगी आग, 200 रुपये किलो पहुंचा भाव
क‍िसान तक
  • Raipur,
  • Aug 02, 2023,
  • Updated Aug 02, 2023, 7:52 PM IST

छत्तीसगढ़ में इन दिनों बढ़ती महंगाई का सबसे ज्यादा असर घरों के साथ-साथ होटलों में दिख रहा है. लाल टमाटर पहले सौ रुपये किलो था और अब दो सौ रुपये किलो में बिक रहा है. बढ़ती महंगाई से आम लोग पहले से ही परेशान थे. अब सब्जी से लेकर चटनी में उपयोग किया जाने वाला टमाटर भी उनकी पहुंच से दूर हो गया है. टमाटर की बढ़ती महंगाई से लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है. कम बारिश और तेज गर्मी के साथ-साथ बेंगलुरु और अन्य जगहों से आने वाला टमाटर बाजार में कम आ रहा है. छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य जगहों में भी टमाटर अब महंगाई के चलते लाल हो गया है. इस महंगाई का नतीजा है कि टमाटर सॉस और टमाटर प्यूरी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है.

बाजार में कभी 20 से 30 रुपये किलो मिलने वाला टमाटर अब दो सौ रुपये किलो पर पहुंच गया है. इस महंगाई से बचने के लिए होटल व्यवसायियों और घरेलू महिलाओं ने नया तरीका ढूंढ लिया है. अब होटलों के मालिक और घरेलू महिलाएं बाजार से महंगा टमाटर खरीदने की बजाय टमाटर कैचअप, टमाटर प्यूरी खरीदकर अपना स्वाद बराकरार रख रहे हैं. चटनी से लेकर सब्जी में नए टेस्ट का तड़का लगाते हुए होटल व्यवसायी ग्राहकों को टमाटर के स्वाद से जोड़े रखना चाहते हैं. इसके चलते बाजार में अचानक कैचअप की न केवल बिक्री बढ़ गई है बल्कि दो सौ रुपये किलो टमाटर की बजाय 100 से 160 रुपये में कैचअप खरीदा जाने लगा है.

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क्या कहते हैं व्यवसायी-दुकानदार

रायगढ़ के होटल संचालक शंकरलाल चावला और सरनजीत सलूजा ने बताया कि सलाद में उपयोग किया जाने वाला टमाटर बहुत कम खरीदा जा रहा है. होटलों में टमाटर की खपत कम कर दी गई है. यहां तक कि समोसा, वड़ा के अलावा अन्य व्यंजनों में टमाटर का उपयोग नहीं किया जा रहा है. चटनी में अगर टमाटर का इस्तेमाल होगा तो होटल का बजट बिगड़ जाएगा, इसलिए होटलों के मालिक इससे बच रहे हैं. होटलों में अब कैचअप और प्यूरी का इस्तेमाल बढ़ गया है.

क्या कहती हैं घरेलू महिलाएं

घरेलू महिलाओं का कहना है कि अभी किलो के बदले पाव में टमाटर खरीदा जा रहा है. चूंकि घर का बजट बढ़ती महंगाई के चलते पहले से बिगड़ा हुआ है, इसलिए लोग दो सौ रुपये किलो टमाटर खरीदने से बच रहे हैं. लोग टमाटर खरीदने से डर रहे हैं. यही वजह है कि घरों में टमाटर के बदले कैचअप और प्यूरी का इस्तेमाल बढ़ रहा है. इससे कैचअप और प्यूरी का रेट भी पहले से बढ़ गया है.

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कैचअप, प्यूरी की मांग बढ़ी

टमाटर जब से महंगा हुआ है तब से उसके विकल्प के तौर पर कैचअप और प्यूरी की मांग बढ़ गई है. इससे कैचअप और प्यूरी की कंपनियों की चांदी हो गई है. कंपनियों का कहना है कि पहले इसकी बिक्री सामान्य होती थी, लेकिन अब बहुत तेजी है. आज स्थिति ये है कि ग्राहक हर कंपनी के कैचअप और प्यूरी खरीद रहे हैं. पहले लोग अपनी पसंद की कंपनी का ही माल खरीदते थे. इससे पता चलता है कि लोगों को बढ़ती महंगाई में टमाटर के विकल्प के रूप में कैचअप और प्यूरी नजर आ रहा है.(नरेश शर्मा की रिपोर्ट)

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