छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार को Minimum Support Price (MSP) पर धान की खरीद के एवज में किसानों को बोनस देने के मामले में केंद्र सरकार नियमों का हवाला देकर लगातार कह रही थी कि केंद्रीय पूल के लिए राज्यों से उसी खाद्यान्न की खरीद हो सकती है, जिसकी उपज को किसानों से एमएसपी पर खरीदा गया हो. गौरतलब है कि देश भर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में गरीबों को राशन देने के लिए केंद्र सरकार, Food Corporation of India (FCI) के माध्यम से केंद्रीय पूल के लिए गेहूं और धान की खरीद करती है.
छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार ने 2018 में कांग्रेस के चुनावी वादे के अनुरूप सरकार पर किसानों को एमएसपी पर धान की खरीद के एवज में बोनस देने का ऐलान किया था. लेकिन केंद्र सरकार ने एमएसपी से अधिक कीमत पर खरीदी गई धान के चावल को केंद्रीय पूल के लिए लेने की अब तक अनुमति नहीं दी थी. इस कारण बघेल सरकार किसानों को बोनस की राशि राजीव किसान न्याय योजना के तहत दे रही थी. हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में भाजपा ने भी किसानों को बोनस देने का वादा किया और अब भाजपा की सरकार बनने पर केंद्र सरकार ने फिलहाल केंद्रीय पूल के लिए छत्तीसगढ़ का उसना चावल लेने की अनुमति दे दी है. देखना हाेगा कि छत्तीसगढ़ के कोटे से चावल की पूरी खरीद को लेकर केंद्र सरकार किस प्रक्रिया का पालन करती है.
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मुख्यमंत्री साय ने भारत सरकार से उसना चावल लेने की अनुमति मिलने पर कहा कि डबल इंजन की सरकार होने की वजह से छत्तीसगढ़ के किसानों को यह फायदा मिला है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल का इसके लिए राज्य के किसानों की ओर से आभार जताया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि सीएम साय ने राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीद की स्थिति एवं Custom Milling की ओर केन्द्रीय खाद्य मंत्री गोयल का ध्यान आकर्षित करते हुए 21 दिसंबर को ही पत्र लिखा था. इसमें सीएम ने सेन्ट्रल पूल में चावल लेने का कोटा 61 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 74 लाख मीट्रिक टन करने के साथ ही राज्य से 59 लाख मीट्रिक टन अरवा तथा 15 लाख मीट्रिक टन उसना चावल लिए जाने का अनुरोध अपने पत्र में किया है.
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उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2023-24 के दौरान 20 दिसंबर तक की स्थिति में समर्थन मूल्य पर 8.68 लाख किसानों से 39.63 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई है. राज्य में प्रतिदिन 3 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की आवक हो रही है. इस साल किसानों से समर्थन मूल्य पर लगभग 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद होना अनुमानित है. इसके कस्टम मिलिंग से 88 लाख मीट्रिक टन चावल बनेगा. इसमें से केन्द्रीय पूल में लगभग 74 लाख मीट्रिक टन चावल दिया जा सकेगा. इसमें से 58 लाख मीट्रिक टन चावल भारतीय खाद्य निगम खरीदेगा और 16 लाख टन नागरिक आपूर्ति निगम को दिया जाएगा. वहीं, State Pool में 14 लाख टन चावल दिया जाएगा.
सीएम ने पत्र में यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश हेतु केन्द्रीय पूल में 61 लाख टन चावल उपार्जन का लक्ष्य पहले से निर्धारित है. प्रदेश में कुछ किस्म के धान की मिलिंग में चावल का दाना ज्यादा टूटने के कारण निर्धारित गुणवत्ता का अरवा चावल नहीं बनने से अरवा मिलिंग में कठिनाइयां आती है. ऐसे धान की उसना मिलिंग कराने से कस्टम मिलिंग में गति आयेगी. मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए केन्द्रीय खाद्य मंत्री के निर्देश पर भारत सरकार के खाद्य विभाग मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ से 15 लाख मीट्रिक टन उसना चावल लेने की स्वीकृति तत्काल मिल गई.