छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गत 25 दिसंबर को अटल जयंती के मौके पर राज्य के लगभग 12 लाख किसानों के बैंक खाते में 37 हजार रुपये से अधिक रकम भेज कर उनके दो साल के बोनस की अदायगी कर दी. किसानों को 2014 और 2015 में धान की एमएसपी पर खरीद के एवज में यह बोनस मिलना था, लेकिन तकनीकी कारण बताकर पिछली सरकारें किसानों का यह पैसा नहीं दे पा रही थीं. किसान हितों के पैरोकार राज्य सरकार की इस पहल को सार्थक बता रहे हैं, वहीं राजनीतिक विश्लेषक इसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के नफा नुकसान की नजर से देख रहे हैं. कुल मिलाकर किसानों की जेब में हजार से लेकर कई लाख रुपये तक की रकम जाने से सीधे तौर पर लाभ किसानों को ही हुआ है.
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बकाया बोनस पाने वाले किसानों को हजार में ही नहीं, बल्कि लाखों रुपये की रकम मिली है. किसानों को मिली इस सौगात में सबसे ज्यादा पैसा बलौदाबाजार भाठापारा जिले में अमेठी गांव के किसान अनिल कुमार को मिला है. कुमार ने बताया कि उनके बैंक खाते में सवा नौ लाख रुपये आए हैं.
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बोनस मिलने से बेहद खुश अनिल कुमार ने बताया कि उन्हें साल 2014-15 के बकाया बोनस के रूप में 4 लाख 64 हजार रुपए और 2015-16 के लिए 4 लाख 64 हजार 640 रुपए की राशि प्राप्त हुई है. कुमार ने कहा कि उन्हें मोदी की गारंटी पर तो भरोसा था, लेकिन यह गारंटी इतनी जल्दी पूरी हो जाएगी, यह नहीं सोचा था. उन्होंने कहा कि खेती अब मुनाफे का सौदा बन गई है, इसलिए वह इस रकम को अपनी खेती उन्नत बनाने में खर्च करेंगे.
बकाया बोनस वितरण मुहिम के तहत राज्य की राजधानी रायपुर से लेकर मुंगेली जिले तक, किसानों को बकाया राशि का एक ही बार में भुगतान कर दिया गया है. अकेले रायपुर जिले में ही किसानों को 264 करोड़ 79 लाख 45 हजार रुपए का बोनस मिली है. इसमें वर्ष 2014-15 के लिए 84,322 किसानों को 130 करोड़ रुपये और 2015-16 के लिए 86,081 किसानों को 134 करोड़ रुपये मिले हैं.
वहीं, मुंगेली जिले के 87,036 किसानों के खाते में 145 करोड़ 20 लाख 90 हजार रुपए भेजे गए. दूरदराज के जिले बलरामपुर-रामानुजगंज में 23,730 किसानों को 45 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बोनस के रूप में मिली. साय सरकार ने अपने अन्य चुनावी वादों को पूरा करने के क्रम में धान की खरीद 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से करने का आदेश जारी कर दिया है. राज्य सरकार हर किसान से 21 कुंतल प्रति एकड़ के हिसाब से धान की खरीद करेगी. माना जा रहा है कि इन फैसलों के लागू होने से एमपी की भाजपा सरकार पर भी 3100 रुपये प्रति कुंतल की कीमत पर धान और 2700 रुपये प्रति कुंतल कीमत पर गेहूं खरीदने का चुनावी वादा जल्द से जल्द पूरा करने का दबाव बढ़ गया है.
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साय सरकार की बकाया बोनस भुगतान योजना का लाभ हर तबके के किसानों को हुआ है. इनमें कांकेर जिले के सरंगपाल गांव की 85 साल की किसान भागोबाई भी शामिल हैं. उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें बकाया भुगतान होते देखने की आस अब बची नहीं रही थी. भागो बाई को बीते 9 साल से पौने दो लाख रुपये का बकाया बोनस मिलने का इंतजार था. उनके जीवन की इस आखिरी उम्मीद को साय सरकार ने पूरा करते हुए 1 लाख 72 हजार 320 रुपए, बतौर बोनस दिए हैं.
उन्होंने इसके लिए सीएम साय और पीएम मोदी को भरपूर आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह पैसा मिलने से उनकी एक और इच्छा पूरी हुई है, वह है पक्के घर में रहने की. उन्होंने कहा कि इस पैसे से वह अपना पक्का घर बनवाएंगी. इसी प्रकार कांकेर जिले में ही बेवरती गांव के किसान जैनुराम नेताम को बकाया बोनस के रूप में 57 हजार 600 रुपए और नाथिया नवागांव के किसान भरत लाल मटियारा को 54 हजार 240 रुपए मिले हैं.