
अमरूद की बागवानी छोटे किसानों के लिए कमाई का एक बेहतर जरिया बनती जा रही है. कृषि से जुड़े जानकारों की मानें तो कई मामलों में अमरूद सेब से बेहतर है. हाल के समय में अमरूद की कीमत 100 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है, जो सेब की कीमत के करीब–करीब बराबर है. भोजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व हेड कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी कहते हैं कि बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता है. इसी प्रकार अमरूद को गरीबों का सेब कहा जाता है. बिहार जैसे राज्य के लघु और सीमांत किसानों के लिए अमरूद की खेती कम लागत में अच्छी कमाई करवा सकती है.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. द्विवेदी कहते हैं कि अगर किसान को अमरूद की बागवानी करनी है तो वे किस्मों का चयन राज्य के जलवायु और वहां की मिट्टी के अनुसार करें. वैसे बिहार में अच्छी किस्मों में इलाहाबादी सफेदा, सरदार (लखनऊ–49), केजी ग्वाभा, मृदुला के किस्मों को किसान प्रमुखता से लगा सकते हैं.
इसके अलावा राज्य के किसान चित्तीदार, हब्सी, बेदाना, हरिझा और लालगूदा जैसी स्थानीय किस्में भी लगा सकते हैं. वहीं, अमरूद की सबसे बड़ी फल वाली किस्मों में वीएनआर बीही और सुपर जंबो अमरूद शामिल हैं, जो 1 किलो से अधिक वजन तक पहुंच सकती हैं. थाई अमरूद भी बड़े आकार का होता है और दुनिया भर में लोकप्रिय है.
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार किसान साल में तीन बार अमरूद के पौधे लगा सकते हैं. जिसमें अगर किसान के पास सिंचाई की समुचित व्यवस्था है तो वे फरवरी–मार्च में अमरूद की बागवानी कर सकते हैं. वहीं, अगर पानी की थोड़ी कमी है तो वैसी स्थिति में मई–जून में लगाने से वर्षा के पानी का फायदा होता है. जहां आंशिक जल जमाव की समस्या का अनुभव हो वहां पर अगस्त से सितंबर के मध्य में रोपाई करना उचित माना जाता है.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी कहते हैं कि अमरूद में फल आने को बहार कहा जाता है. मुख्य रूप से अमरूद में तीन प्रकार की बहार होती हैं, जिनमें अंबे बहार — यानी इसमें फरवरी–मार्च में फूल आता है और जून–जुलाई में फल. इसके साथ ही दूसरा हस्त बहार, जिसमें सर्दियों में फूल आते हैं और बसंत में फल आते हैं. तीसरा है मृग बहार — यानी जून–जुलाई में फूल और सर्दियों में फल आते हैं. लेकिन बिजनेस के तौर पर अगर किसान अमरूद की बागवानी करता है तो उसे दो ही मौसम में अपनी सुविधा के अनुसार बाजार को देखते हुए फल को लेना चाहिए.
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार अमरूद कई बीमारियों के लिए दवाई का काम करता है. इसमें विटामिन C, फाइबर, पोटेशियम, विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं. यह पाचन सुधार से लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और हृदय संबंधित रोगों को कम करने में कारगर साबित होता है. वहीं सर्दी–जुकाम से लेकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ ही मोटापा को कम करने में भी फायदेमंद साबित होता है अमरूद.