बिहार देशभर में कई कृषि उत्पादों के लिए मशहूर है. यहां की आम, चावल, टमाटर, मखाना, शाही लीची जैसे उत्पाद देश-दुनिया में मशहूर हैं. राज्य का भागलपुर जिला पहले से ही सिल्क, जर्दालु आम और कतरनी चावल के लिए मशहूर है. अब जिले के एक नगर नवगछिया की लीची की भी डिमांड विदेशों में होने लगी है. नवगछिया के बागों में उगी लीची की विदेशों में डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. यहां की लीची पिछले दो साल से कई देशों में एक्सपोर्ट की जा रही है. व्यापारी और किसान मनराजी लीची को मिल रहे अच्छे रिस्पॉन्स से खुश है.
एक समय था जब नवगछिया केला, कलाई और क्राइम के लिए जाना जाता था. लेकिन अब इसकी पहचान मनराजी लीची से होने की शुरुआत हो गई है. किसान चंदन कुमार सिंह नवगछिया के लत्तीपाकर गांव में रहते हैं. उन्होंने ही मनराजी लीची को नया बाजार, अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने शुरुआत कर विदेश भेजने का काम किया.
किसान चंदन का अपना एक एपीओ है, जिसके जरिए उन्होंने इसकी शुरुआत की. पिछले साल उन्होंने लीची दुबई भेजी थी. वहीं, इस बार पांच देशों में मनराजी लीची भेजी जाएगी. ये पांच देश यूएई, सिंगापुर, कतर, ओमान और घाना हैं. वहीं, चंदन का एपीओ देश के अंदर भी इस लीची का व्यापार कर रहे हैं और अधिकतर राज्यों में ऑर्डर के 48 घंटे के अंदर लीची पहुंचा रहे हैं. इस समय बेंगलुरु में इसकी डिमांड अच्छी चल रही है. कई अन्य राज्यों से भी ऑर्डर आ रहे हैं.
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चंदन सिंह ने कहा कि बिहार में 87 फीसदी लीची का उत्पादन होता है. सबसे बेस्ट बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची मानी जाती है. मनराजी लीची का उत्पादन कई जगहों पर होता है, लेकिन नवगछिया में कोसी और गंगा नदी के कारण यहां की लीची स्वाद में अलग और खास है.
चंदन ने कहा कि शाही और मनराजी लीची दोनों अपने क्षेत्र के हिसाब से बेहतर है. उन्होंने बताया कि मनराजी लीची आकार में बड़ी होती है और स्वाद में बेहद ही मीठी होती है. किसान चंदन सिंह कहते हैं कि इस बार उन्होंने नया प्रयोग करते हुए लाइनर बैग में पैक कर विदेशों में लीची भेजने की योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि लाइनर बैग में रखने से लीची 7 से 12 दिनों तक फ्रेश रहती है. (सुजीत कुमार की रिपोर्ट)