बिहार में हाल में हुई भारी बारिश ने कहर ढा दिया है. कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. अब जब मॉनसून की वापसी का समय हो गया है, लेकिन मौसम ने पलटी मार दी है. एक ओर जहां बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है वहीं, दूसरी ओर फसलों का नुकसान होने की भी आशंका है. इस बीच रोहतास में अनाज, खाद और सीमेंट के गोदाम में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसमें भारी नुकसान हुआ है. जानिए किन-किन जिलों में बारिश, बाढ़ ने कहर बरपाया हुआ है…
रोहतास जिले में अनाज, फर्टिलाइजर और सीमेंट से भरे गोदाम में बाढ़ का पानी घुस गया. घटना सासाराम के गोपी बिगहा की है, जहां अनाज से भरे गोदाम में पानी घुस गया. गोदाम में रखा करोड़ों रुपये का फर्टिलाइजर, सीमेंट और गेहूं बर्बाद हो गए. साथ ही गोदाम के अंदर 10 ट्रैकों पर लदा फर्टिलाइजर और अनाज भी पानी में डूब गया. इसके अलावा कई लग्जरी गाड़ियां भी र पानी में डूब गई. गोपी बिगहा, कंचनपुर, जमुहार इलाके में भारी जलभराव की स्थिति बन गई है.
वहीं, जिले के सासाराम में रातभर हुई मूसलाधार बारिश के कारण वार्ड नंबर-28 का प्रतापगढ़ मोहल्ले में 20 से ज्यादा कच्चे मकान गिर गए और दर्जनों लोग बेघर हो गए. कई लोगों को चोट भी लगी है. लोगों ने किसी तरह घर से निकाल कर अपनी जान बचाई. लोगों का कहना है कि उन लोगों का अनाज, रुपया पैसा और अन्य सामान भी बर्बाद हो गया है. किसी तरह उन्होंने भागकर जान बचाई है.
जिले के डेहरी में कई इलाकों में मूसलाधार बारिश के बाद हुए बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम को बुलाई गई है. खासकर जमुहार के नारायण मेडिकल कॉलेज के आसपास का इलाका पूरी तरह बाढ़ग्रस्त हो गया है. ऐसे में अस्पताल के आसपास के भवन में फंसे कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों और छात्रों और मरीजों को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर निकाला है. यह लोग रात से ही अपने-अपने आवास में फंसे हुए थे. डेहरी के एसडीएम निलेश कुमार का कहना है कि एसडीआरएफ पहुंच चुकी है और जल्द ही एनडीआरएफ भी पहुंचेगी. जहां से भी पानी निकासी की व्यवस्था हो सके, वह किया जा रहा है.
वहीं, सासाराम में रेलवे ट्रैक पर भी पानी चढ़ गया है. गयाजी-डीडीयू मुगलसराय रेलखंड पर सासाराम के मोहदीगंज, न्यू एरिया के अलावा फजलगंज की तरफ रेलवे ट्रैक पर पानी चढ़ गया. ऐसे में ट्रेनों को काफी धीमी गति से रेलवे ट्रैक से गुजारा जा रहा है. वहीं रेल कर्मी एवं ट्रैकमैन सुबह से ही रेलवे के ट्रैक पर से पानी हटाने की कवायद में लग गए हैं, ताकि रेल पटरी को ज्यादा नुकसान नहीं हो. कई ट्रेन को भी विलंब से चलने की सूचना है. रेलवे स्टेशन के आसपास भी जल जवाब के कारण यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने में भी दिक्कत हो रही है. हालांकि, रेलवे ने किसी भी तरह की दिक्कत होने की बात से इनकार किया और कहा है कि ट्रेन सामान्य स्थिति में चल रही हैं.
वहीं, सासाराम का मंडल कारा पूरी तरह से डूब गया है. सासाराम के पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर आई बरसात का पानी पूरे मंडल कारा परिसर में फैल गया है, जिससे मंडल कारा के कर्मियों ही नहीं, कैदियों को भी परेशान में डाल दिया है. परिसर के बाहर और परिसर के अंदर भी पानी प्रवेश कर गया है. ऐसी जानकारी मिली है कि कारा में कैदियों के सेल में भी पानी प्रवेश कर गया है, जिस कारण जेल प्रशासन काफी मुश्किल में है और किसी तरह कैदियों को जेल के अंदर सुरक्षित किया जा रहा है.
वहीं, पूर्वी चंपारण जिले में पिछले कई घंटों से लगातार हो रही झमाझम बरसात के कारण पूरा जिला टापू में तब्दील हो गया है. जलभराव के कारण लोगों का उनके घरों से निकलना दुश्वार हो गया है. शनिवार को शहर के अधिकांश बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. गली से लेकर मोहल्ले, मुख्य सड़क, बायपास से लेकर दर्जनों दुकानों में पानी प्रवेश कर गया है, जिसके कारण लोग परेशान हैं.
मूसलाधार बारिश से रक्सौल में भी बुरे हालात हैं. यहां मेन रोड से लेकर, सब्जी मंडी, बैंक रॉड, मड़वाडी गली, मौजे, कोइरिया टोला, डंकन रॉड, गांधी नगर सभी जगह एक से दो फीट पानी भर गया है. लोगों की दुकान और घरों में पानी घुस गया है. पैदल चलने वाले लोगों से लेकर बाइक सवार और चार पहिया वाहन सबकी परेशानी बढ़ गई है.
गोपालगंज में भी दो दिनों से हो रही बारिश के कारण मॉडल सदर अस्पताल का पूरा परिसर जल जमाव से भरा नजर आ रहा है. वहीं, इमरजेंसी वार्ड जल जमाव के कारण रोगियों और उनके साथ आनेवाले सहयोगी सहित चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ सभी बेहाल नजर दिख रहे है.
मरीज बेड पर हैं तो नीचे जल जमाव, जिसमें चलना दुश्वार हो गया है. हालात इतने खराब हो गए हैं कि इलाज कराए बिना कई मरीज वापस हो जा रहें हैं. घुटने भर पानी जमा होने से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, व्हील चेयर, स्ट्रेचर, मशीनें सब डूब गए हैं. मेडिकल वेस्ट भी पानी में तैर रहा है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. अव्यवस्था से मरीज आक्रोशित हैं और नाराजगी जाहिर कर रहें हैं.
बारिश ने मुजफ्फरपुर में भी आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. स्टेशन रोड, धर्मशाला चौक, कलमबाग रोड, जवाहरलाल रोड, पड़ाव पोखर समेत कई इलाकों में सड़कों पर पानी जमा है. धर्मशाला चौक स्थित संतोषी माता मंदिर और आसपास की दुकानों में भी बारिश का पानी भर गया है. लगातार हो रही वर्षा से मुजफ्फरपुर शहर के अधिकांश हिस्सों में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. लोगों को आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं निगम की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.
बेतिया जिले में भी शुक्रवार रात से हो रही लगातार तेज बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है. जिले के कई गांव पानी में डूब गए हैं. सड़कों पर जगह-जगह जलजमाव के कारण वाहनों का आवागमन ठप हो गया है. ग्रामीण और शहरवासी दोनों ही हालात से परेशान हैं. वहीं, बिजली आपूर्ति ठप होने से लोग घरों में कैद होकर रहने को मजबूर हैं. भारी बारिश के कारण खेत और फसलें भी जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान की चिंता सताने लगी है.
वहीं, मधेपुरा में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश की संभावना है. अधिकतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. हवा की गति 10 से 14 किलोमीटर प्रति घंटा पूर्वी दिशा में चलेगी. क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर के मौसम वैज्ञानिक देवन कुमार चौधरी ने बताया कि 5 अक्टूबर को 115 मिमी, 6 अक्टूबर को 65 मिमी, 7 को 4 मिमी और 8 अक्टूबर को 5 मिमी बारिश हो सकती है. किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में पानी का जमाव न होने दें. खड़ी फसलों में सिंचाई रोक दें और दवा का छिड़काव मौसम साफ होने पर ही करें.