केंद्र सरकार 1 फरवरी को अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करने जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट को संसद के पटल पर रखेंगी और विभिन्न योजनाओं के अनुमानित खर्च और आमदनी का जारी करेंगी.
केंद्रीय मंत्री विभिन्न मंत्रालयों जैसे शिक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य आदि की प्रगति रिपोर्ट देंगी और अगले वित्त वर्ष में इन मंत्रालयों के लिए जारी की जाने वाली अनुमानित रकम का खुलासा भी करेंगी. हर साल केंद्र सरकार अपने विभागों और मंत्रालयों के लिए बजट के जरिए खर्च और कमाई की रूपरेखा तय करती है. योजनाओं के लिए जरूरी रकम जारी करती है और उनके लिए बजट तय किया जाता है. ठीक इसी तरह एग्रीकल्चर बजट यानी कृषि बजट के लिए योजनाओं और विकास के लिए बजट तय किया जाएगा.
एग्रीकल्चर बजट का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. सरकार कृषि क्षेत्र की कई योजनाओं को किसानों, ग्रामीणों तक पहुंचाने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए एग्रीकल्चर बजट के तहत आमदनी और खर्च की जाने वाली रकम निर्धारित करती है.
सरकार आमतौर पर इन्हीं हिस्सों को आधार बनाकर एग्रीकल्चर बजट तय करती है और योजनाओं के लिए रकम अलॉट करती है.
इस तरह चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने 1.25 लाख करोड़ रुपये का एग्रीकल्चर बजट 1 फरवरी 2023 को पेश किया था.
अब आगामी 1 फरवरी 2024 को पेश किए जा रहे अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए अनुमानित एग्रीकल्चर बजट 1.50 लाख करोड़ रुपये का होने की संभावना है. क्योंकि, सरकार के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहती है.
जून 2023 के आंकड़े बताते हैं कि भारत की जीडीपी में एग्रीकल्चर सेक्टर का योगदान 20 फीसदी के करीब है. और देश की 40 फीसदी से अधिक आबादी किसी न किसी तरह से कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है.
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