MGNREGA Budget 2024: गांवों में रोजगार मिलता रहेगा, सरकार ने मनरेगा का बजट 26 हजार करोड़ बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये किया  

MGNREGA Budget 2024: गांवों में रोजगार मिलता रहेगा, सरकार ने मनरेगा का बजट 26 हजार करोड़ बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये किया  

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में ग्रामीण सेक्टर के लिए कुछ बड़े ऐलान किए हैं, जिनमें मनरेगा का बजट बढ़ाना प्रमुख है. वित्त मंत्री ने मनरेगा का बजट 26 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया है. इसका लाभ 14 करोड़ से ज्यादा मजदूरों को मिलने वाला है.

सरकार ने मनरेगा का बजट 26 हजार करोड़ बढ़ाया.सरकार ने मनरेगा का बजट 26 हजार करोड़ बढ़ाया.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Feb 01, 2024,
  • Updated Feb 01, 2024, 3:56 PM IST

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में ग्रामीण सेक्टर के लिए कुछ बड़े ऐलान किए हैं, जिनमें मनरेगा का बजट बढ़ाना प्रमुख है. वित्त मंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का बजट 26 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया है. पिछली बार यानी 1 फरवरी को सरकार ने कुल 60 हजार करोड़ रुपये जारी किया था. बजट बढ़ने से 14 करोड़ से अधिक मनरेगा मजदूरों को लाभ मिलेगा. इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मिलते रहने को भी सरकार ने पुख्ता कर दिया है.  

मनरेगा का बजट 86 हजार करोड़ किया गया 

अंतरिम बजट 2024 में केंद्रीय वित्त मंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए बजट बढ़ाने की घोषणा कर दी है. वित्त मंत्री ने संसद में बजट पेश करते हुए मनरेगा के तहत खर्च की जाने वाली रकम को 60 हजार करोड़ से बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये करने की घोषणा की है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने पिछली बार 1 फरवरी 2023 को पेश किए गए बजट में मनरेगा योजना के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का बजट घोषित किया था, जो उससे पहले 2022 के लिए जारी किए गए 73 हजार करोड़ के बजट से 18 फीसदी कम था. 

...तो इसलिए बढ़ा मनरेगा का बजट 

मनरेगा मजदूरों को आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) के तहत जोड़ा गया है. केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से कहा था कि इससे मनरेगा मजदूरी का भुगतान सीधे खाते में पहुंच जाएगा. लेकिन, जनवरी 2024 के पहले सप्ताह तक करीब 5 करोड़ मजदूरों को एबीपीएस से नहीं जोड़ा जा सका. ऐसे में इन मजदूरों को योजना का लाभ मिलने का संकट पैदा हो गया था और मजदूर संगठनों इस पर नाराजगी जाहिर की थी. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते सरकार के लिए यह मजदूर बड़े वोटर हैं. इन वोटर्स को साधने के लिए सरकार ने मनरेगा का बजट बढ़ाया है. 

14.35 करोड़ सक्रिय मनरेगा मजदूर 

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुल 25.94 करोड़ मजदूर रजिस्टर हैं. इनमें से 14.35 करोड़ को सक्रिय मजदूर के रूप में दर्शाया गया है. इन मजदूरों ने बीते 3 साल में कम से कम एक दिन काम किया है. एबीपीएस के लिए अयोग्य 5 करोड़ ज्यादा मनरेगा मजदूरों का सिस्टम से बाहर होना आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार के लिए यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता था. इसके लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकारों से एबीपीएस मामले में उदार रुख अपनाने को कहा था. अब सरकार ने बजट बढ़ाकर मजदूरों को साधने की कोशिश कर ली है. 

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