वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण 23 जुलाई को बजट 2024-25 पेश करने वाली हैं. इस बार के बजट में अनुमान है कि सरकार ग्रामीण विकास के लिए कृषि सेक्टर को दिया जाने वाला बजट बढ़ा सकती है. इसके अलावा सरकार मध्य वर्ग, किसान, महंगाई और रोजगार पर सबसे ज्यादा फोकस करेगी. मध्य वर्ग को टैक्स में छूट देकर राहत दी जा सकती है तो किसानों को फसल का वाजिब दाम दिलाने से जुड़े कदम उठाए जा सकते हैं. इसके साथ ही हर वर्ग को प्रभावित करने वाले रोजगार और महंगाई के मुद्दे पर भी कुछ बड़े एलान किए जाने की संभावना है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को 2024-25 का आम बजट पेश करके लगातार सातवीं बार बजट पेश करेंगी. लेकिन, इस रिकॉर्ड को कायम करने की राह में वित्त मंत्री के सामने ऐसा बजट पेश करने की चुनौती है जो महंगाई और रोजगार की समस्या घटाने के साथ ही इकोनॉमी की स्पीड में भी तेजी लाने का काम करे. नई सरकारें आमतौर पर लोक-लुभावन बजट पेश नहीं करती हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में मिले झटके के बाद इस बार मध्यम वर्ग के लिए फ्रेंडली बजट पेश किया जा सकता है.
कृषि विकास के लिए बजट बढ़ाने की उम्मीद जताई गई है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार इस बार कृषि और जुड़े कार्यों के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया जा सकता है. क्योंकि, सरकार का कृषि विकास पर जोर है. पिछली बार कृषि और इससे जुड़े कार्यों के लिए 1.47 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया था. इसके अलावा ग्रामीण विकास के लिए भी सरकार बजट में इजाफा कर 2.70 लाख करोड़ रुपये कर सकती है. पिछली बार यानी अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने 2.66 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया था.
किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए MSP की खामियां सरकार दूर कर सकती है. फसलों की सरकारी खरीद कुल उपज का करीब 6 फ़ीसदी है.
रोजगार को बढ़ाने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने से जुड़े एलान भी किए जा सकते हैं. जानकारों ने पीएम मोदी के सामने भी कृषि विकास के बारे में चिंता जताई थी. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कमी और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा योजना के तहत दिए गए छोटे-छोटे कर्जों के बावजूद क्रेडिट ग्रोथ में सुस्ती को भी उजागर किया गया था. इस समस्या का समाधान करके सरकार कई दूसरे सेक्टर्स की भी मदद करेगी, क्योंकि FMCG से लेकर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स तक की ग्रोथ देश के ग्रामीण बाजारों पर निर्भर है. इसी तरह कृषि क्षेत्र के लिए भी कई एलान बजट में किए जा सकते हैं.
इस बार के बजट में मांग की जा रही है कि अफॉर्डेबल आवास स्कीम का दायरा बढ़ाया जाए. इसके लिए 45 लाख रुपये तक के घरों पर मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 65 लाख रुपये किया जाए. वहीं, होम लोन की ब्याज दरों में टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने के साथ ही 80सी के तहत छूट की सीमा को भी डेढ़ लाख रुपये से बढाकर ढाई लाख रुपये किए जाने की उम्मीद जताई गई है.
इस बार के बजट में मध्यवर्ग को राहत देने के लिए सरकार टैक्स छूट का तोहफा देकर. आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है. इसके अलावा टैक्स स्लैब्स को भी बढ़ाकर हर वर्ग के लोगों की जेब में ज्यादा रकम पहुंचा सकती है. इससे सरकार टैक्स का बोझ कम करेगी जिससे लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी. वहीं, नए टैक्स सिस्टम को आकर्षक बनाने के लिए टैक्स डिडक्शन लिमिट बढ़ाने और दूसरी कटौतियों को शामिल किया जा सकता है. इससे पुरानी टैक्स रीजीम से नई में लोगों को लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा.
इन सबके अलावा भी एजुकेशन, हॉस्पिटैलिटी, ऑटो सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग और ग्लोबल सप्लाई चेन तक के लिए बजट में कई बड़े एलान किए जाने की संभावना है.