किसान की मुश्किलों से सरकार बेपरवाह, इसे सत्ता से बेदखल करना जरूरी, चुनावी रैली में बोले पवार

किसान की मुश्किलों से सरकार बेपरवाह, इसे सत्ता से बेदखल करना जरूरी, चुनावी रैली में बोले पवार

पवार ने कहा, "देश की भूख मिटाने वाले किसान परेशान हैं, लेकिन सत्ताधारी दलों को इसकी कोई चिंता नहीं है. ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें सत्ता से बेदखल किया जाना चाहिए. पिछले नौ महीनों में 950 किसानों ने आत्महत्या की है. ऐसा इसलिए है क्योंकि वे खेती में अपनी लागत की भरपाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उन पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है."

NCP (Sharad Pawar) chief Sharad PawarNCP (Sharad Pawar) chief Sharad Pawar
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 11, 2024,
  • Updated Nov 11, 2024, 12:52 PM IST

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शप) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र की एक चुनावी रैली में मौजूदा महायुति की प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि उसे किसानों की मुश्किलों की जरा भी परवाह नहीं, इसलिए उसे पद से हटा देना चाहिए. छत्रपति संभाजीनगर में एक चुनाली रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार को उसके पद से हटाया जाना चाहिए क्योंकि उसे किसानों के दुख से कोई वास्ता नहीं. पवार ने कहा, किसान फसलों की गिरती कीमतों से परेशान हैं.

पवार ने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) संविधान बदलने के लिए लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही थी, लेकिन सरकार बनाने के लिए उसे नीतीश कुमार की जेडी(यू) और एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी पर निर्भर होना पड़ा. 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले छत्रपति संभाजीनगर जिले के गंगापुर निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गन्ना, सोयाबीन और ज्वार जैसी फसलों की कीमतें गिर गई हैं.

शरद पवार का हमला

उन्होंने कहा, "देश की भूख मिटाने वाले किसान परेशान हैं, लेकिन सत्ताधारी दलों को इसकी कोई चिंता नहीं है. ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें सत्ता से बेदखल किया जाना चाहिए. पिछले नौ महीनों में 950 किसानों ने आत्महत्या की है. ऐसा इसलिए है क्योंकि वे खेती में अपनी लागत की भरपाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उन पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है." उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस की सरकार थी, तब 71,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किए गए थे और अब तत्काल एक और दौर की माफी की जरूरत है.  

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पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को इसकी (कृषि ऋण माफी) कोई चिंता नहीं है. गंगापुर में बीजेपी के मौजूदा विधायक प्रशांत बांब का मुकाबला एनसीपी (एसपी) के उम्मीदवार सतीश चव्हाण से है. अपनी पार्टी के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के पक्ष में प्रचार करने के लिए घनस्वंगी निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए, शरद पवार ने कहा कि अगर एमवीए सत्ता में आती है तो जाति जनगणना कराएगी.

400 सीट जीतने पर तंज

पवार ने कहा कि यह तय करने के लिए जाति जनगणना जरूरी है कि समुदायों को उनकी जनसंख्या और जरूरतों के आधार पर उनके उचित अधिकार मिलें. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही थी क्योंकि वह संविधान बदलना चाहती थी, लेकिन लोगों ने उसकी योजना को नाकाम कर दिया. उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी को जेडी(यू) और टीडीपी के समर्थन पर निर्भर रहना पड़ा.

उन्होंने महा विकास अघाड़ी के वादे को दोहराया जिसमें महिलाओं को 3,000 रुपये की हर महीने वित्तीय सहायता और हर परिवार के लिए 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, साथ ही कृषि ऋण माफी शामिल है. एमवीए में कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं.

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पवार ने लोगों से कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के रूप में टोपे के "सराहनीय" काम को याद करते हुए उन्हें वोट देने का आग्रह किया. टोपे ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी वाली सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर उनके निर्वाचन क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार करने और इसके विकास को रोकने का आरोप लगाया. घनस्वंगी सीट पर रोमांचक मुकाबला होने वाला है. एमवीए से टोपे और महायुति के उम्मीदवार के रूप में शिवसेना के हिकमंत उधान के अलावा, बीजेपी के बागी सतीश घाडगे और शिवसेना (यूबीटी) के बागी शिवाजी चोथे भी निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी.

 

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