जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव, आतंकियों की साजिश नाकाम करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां चौकस

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव, आतंकियों की साजिश नाकाम करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां चौकस

जम्मू और कश्मीर में 2014 के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा. केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होगा. जनता अपनी सरकार चुनने को 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान करेगी. चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. पहले फेज में 24 सीटों पर, दूसरे फेज में 26 सीटों पर और तीसरे फेज में 40 सीटों पर मतदान होना है.

Jammu & Kashmir Assembly Election 2024(Photo Credit: Getty Images)Jammu & Kashmir Assembly Election 2024(Photo Credit: Getty Images)
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 23, 2024,
  • Updated Aug 23, 2024, 10:27 PM IST

जम्मू-कश्मीर में चुनाव तेजी से नजदीक आ रहे हैं. ऐसे में आतंकवादी समूह कथित तौर पर जम्मू में पुलिस स्टेशनों और सुरक्षा चौकियों पर हमले की योजना बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान क्षेत्र को अस्थिर करना है. खुफिया इनपुट से खतरे का संकेत मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. रक्षा सूत्रों ने खुफिया इनपुट के आधार पर इन खतरों का संकेत दिया है. 

ये हैं घाटी के कुछ हाई रिस्‍क जोन 

इसके मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों का फोकस विशेष रूप से राजौरी, पुंछ, कठुआ और डोडा के क्षेत्रों में है, जिन्हें हाई रिस्‍क वाला जोन माना जाता है. सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला है कि राज्य में लंबे समय बाद हो रहे विधानसभा चुनावों के प्रभावित करने के लिए आतंकी घात लगाकर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने की रणनीति बना रहे हैं. वर्ष 2024 में सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में 33 आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया है, जो शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इनमें से छह आतंकवादियों को पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में स्थित क्षेत्रों में मार गिराया गया, जो इस क्षेत्र में आतंकवाद से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों को दर्शाता है. 

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10 साल बाद हो रहे चुनाव 

सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, भारतीय सेना ने जम्मू में अपनी उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसमें एक ब्रिगेड के बराबर बल तैनात किया गया है. इस रणनीतिक तैनाती का उद्देश्य चुनाव के नजदीक आने पर क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना है, साथ ही सुरक्षा बल किसी भी संभावित खतरे के प्रति सतर्क रहेंगे. जम्मू और कश्मीर में 2014 के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा. केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होगा. जनता अपनी सरकार चुनने को 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान करेगी. चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. पहले फेज में 24 सीटों पर, दूसरे फेज में 26 सीटों पर और तीसरे फेज में 40 सीटों पर मतदान होना है.

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परिसीमन से ये हुआ बदलाव 

जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन और परिसीमन के बाद होने जा रहे ये पहले चुनाव 2014 के मुकाबले काफी अलग होंगे. जम्मू कश्मीर में पहले 87 सीटों के लिए चुनाव होते थे. जम्मू में 37, कश्मीर में 46, लद्दाख में चार सीटें थीं. परिसीमन के बाद अब जम्मू में 43, कश्मीर में 47 विधानसभा सीटें हो गई हैं. लद्दाख के अलग होने पर जम्मू रीजन में सांबा, कठुआ, राजौरी किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर में एक-एक विधानसभा सीट बढ़ गई हैं. कश्मीर के कुपवाड़ा में भी एक सीट बढ़ी है. लिहाजा इस बार इन 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होना है.

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