हरियाणा में सैनी सरकार के काम से सिर्फ 27 फीसदी जनता संतुष्ट... भ्रष्टाचार नहीं, बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा

हरियाणा में सैनी सरकार के काम से सिर्फ 27 फीसदी जनता संतुष्ट... भ्रष्टाचार नहीं, बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा

'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे के मुताबिक हरियाणा में 29 फीसदी लोग सांसदों के प्रदर्शन से संतुष्ट है, जबकि 21 फीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं, वहीं 38 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो सांसदों को कामकाज से असंतुष्ट हैं.  अगर बात विधायकों के प्रदर्शन की बात करें तो 33 फीसदी जनता MLA के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 20 फीसदी कुछ हद तक संतुष्ट हैं, वहीं 40 फीसदी लोग विधायकों के प्रदर्शन से नाराज हैं. 

प्रेस कांफ्रेंस को संबोध‍ित करते हर‍ियाणा के सीएम नायब स‍िंह सैनी. प्रेस कांफ्रेंस को संबोध‍ित करते हर‍ियाणा के सीएम नायब स‍िंह सैनी.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 22, 2024,
  • Updated Aug 22, 2024, 8:24 PM IST

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. इससे पहले आजतक ने 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया. इस सर्वे के मुताबिक हरियाणा के 27 फीसदी लोगों का कहना है कि वह सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 44 फीसदी लोगों का कहना है कि वह सरकार के काम से असंतुष्ट हैं, जबकि 25 फीसदी लोगों का कहना है कि वह कुछ हद तक सरकार के कामकाज से खुश हैं. 

29 फीसदी सांसदों के काम से खुश 

'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे के मुताबिक हरियाणा में 29 फीसदी लोग सांसदों के प्रदर्शन से संतुष्ट है, जबकि 21 फीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं, वहीं 38 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो सांसदों को कामकाज से असंतुष्ट हैं.  अगर बात विधायकों के प्रदर्शन की बात करें तो 33 फीसदी जनता MLA के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 20 फीसदी कुछ हद तक संतुष्ट हैं, वहीं 40 फीसदी लोग विधायकों के प्रदर्शन से नाराज हैं. 

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हरियाणा के सबसे बड़े मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो 45 फीसदी लोगों ने कहा कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है, जबकि सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने कहा कि करप्शन बड़ा मुद्दा है. जबकि 14 फीसदी लोगों का कहना है कि महंगाई बड़ा मुद्दा है.  प्रधानमंत्री पद के लिए हरियाणा की 51 फीसदी जनता की पहली पसंद पीएम मोदी बने हुए हैं, जबकि 41 फीसदी जनता की पसंद राहुल गांधी हैं.

क्या है हरियाणा का सियासी समीकरण? 

बता दें कि सूबे की सत्ता पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी काबिज है. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 36.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. तब कांग्रेस को 28.2 फीसदी वोट मिले थे और पार्टी 31 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी. दुष्यंत चौटाला की नई-नवेली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) 14.9 फीसदी वोट शेयर के साथ 10 सीटें जीतने में सफल रही थी. 

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इसके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी ने एक फीसदी से भी कम वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत हासिल की थी. 7 निर्दलीय भी चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचने में सफल रहे थे. हालांकि कोई भी पार्टी बहुमत के लिए जरूरी 46 सदस्यों के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई थी. नतीजों के बाद बीजेपी ने जेजेपी, हरियाणा लोकहित पार्टी और निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बना ली थी. लेकिन बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले जेजेपी से गठबंधन तोड़कर मनोहरलाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया था.

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