यूपी के इस जिले में इस खास तकनीक से पैदा हुई 507 गायों की बछिया, पशुपालकों की बढ़ रही आमदनी

यूपी के इस जिले में इस खास तकनीक से पैदा हुई 507 गायों की बछिया, पशुपालकों की बढ़ रही आमदनी

इसी से उसे आगे चलकर दूध और उससे आमदनी भी होती है. इसलिए, पशुपालक यह चाहता है कि उसके यहां बछिया का जन्म हो. वहीं बहुत से किसान रजिस्ट्रेशन करवा रहे है, जिससे उनकी गाय बछिया को जन्म दे सकें.

गायों के लिए कृत्रिम गर्भाधान है बेहद कारगर (Photo-Kisan Tak)गायों के लिए कृत्रिम गर्भाधान है बेहद कारगर (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Sep 09, 2024,
  • Updated Sep 09, 2024, 2:40 PM IST

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में भी बहुत से किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन का काम करते हैं और इनमें से ज्यादातर गाय पालन करते हैं. वहीं, केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी गाय-भैंस का पालन करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही हैं. इसी कड़ी में महाराजगंज जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और एनिमल  एक्सपर्ट डॉ. विनोद कुमार विश्वकर्मा ने इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में बताया कि जिले में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चल रहा हैं. अब तक 507 गायों में कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है. वहीं पशुपालकों से 100 रुपये शुल्क लिया जाता है.

90 फीसदी बछिया ही लेगी जन्म

उन्होंने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान में वर्गीकृत सीमन का प्रयोग किया जाता है जिससे 90 फीसदी बछिया का जन्म होता है. इससे आने वाले समय में गायों के फीमेल पापुलेशन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और पशुपालकों को इसका आर्थिक फायदा भी मिलेगा. एनिमल एक्सपर्ट डॉ. विश्वकर्मा बताते हैं कि इस गर्भाधान प्रक्रिया से अधिकांश बछिया का जन्म होता है और पशुपालक को फायदा होता है. उन्होंने बताया कि  पशुपालक के लिए बछिया का जन्म होना आर्थिक रूप से फायदेमंद होता है.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने की अपील

इसी से उसे आगे चलकर दूध और उससे आमदनी भी होती है. इसलिए, पशुपालक यह चाहता है कि उसके यहां बछिया का जन्म हो. वहीं बहुत से किसान रजिस्ट्रेशन करवा रहे है, जिससे उनकी गाय बछिया को जन्म दे सकें. उप्र पशुपालन विभाग के द्वारा योजना जारी है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार विश्वकर्मा ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी कार्य दिवस पर कार्यालय आकर कृत्रिम गर्भाधान का लाभ ले सकते है.

किसानों की इनकम डबल करना

उन्होंने बताया कि यूपी सरकार की मदद से एनिमल हेल्थ, डेयरी प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी, पशु नस्ल सुधार, एनिमल न्यूट्रीशन, वेटरनरी एजूकेशन, भेड़-बकरी की संख्या बढ़ाने आदि पर जोर दिया जाएगा. इसका मकसद किसानों की इनकम को डबल करना है. 

 

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