
ठंड का मौसम इंसानों के साथ-साथ बकरियों के लिए भी मुश्किल भरा होता है. सर्दियों में खासकर बकरी के छोटे बच्चे यानी मेमने जल्दी बीमार पड़ जाते हैं. अगर समय पर उनकी सही देखभाल न हो, तो उनकी मौत का खतरा बढ़ जाता है. इससे पशुपालकों को नुकसान होता है. पशु चिकित्सक और एक्सपर्ट ने सर्दियों में मेमनों की देखभाल के लिए कुछ बहुत आसान बातें बताई हैं.
डॉ. बताते हैं कि मेमने के जन्म के तुरंत बाद उसके मुंह पर लगी झिल्ली को साफ करके सुखा देना चाहिए, ताकि उसे सांस लेने में कोई परेशानी न हो. इसके बाद मेमने को मां का पहला दूध यानी खीस जरूर पिलाना चाहिए. यह दूध बहुत ताकतवर होता है और मेमने को बीमारियों से बचाता है.
ठंड से बचाने के लिए बकरियों के बाड़े को बोरी या मोटे कपड़े से ढक देना चाहिए, ताकि ठंडी हवा अंदर न आए. मेमनों के बैठने और सोने के लिए सूखी बिछावन डालनी चाहिए. इससे वे ठंडी जमीन से नहीं लगते और उन्हें गर्मी मिलती है. जरूरत हो तो पुरानी जूट की बोरी से भी मेमनों को ढका जा सकता है.
मेमनों को हमेशा उनके वजन का केवल 10 प्रतिशत ही खाना देना चाहिए. ज्यादा खाना देने से उनका पेट खराब हो सकता है. उन्हें साफ और हल्का गुनगुना पानी पिलाना चाहिए. सर्दियों में मेमनों को हरा चारा नहीं देना चाहिए. अगर पेट खराब हो जाए तो उबला हुआ दलिया देना फायदेमंद होता है.
ठंड के मौसम में मेमनों को निमोनिया, हाइपोथर्मिया और संक्रमण का खतरा रहता है. निमोनिया होने पर मेमने को ठंड लगती है, वह कांपता है, सुस्त हो जाता है, बुखार आता है और नाक से बलगम निकलता है. ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत पशु डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
अगर बाड़े की सफाई ठीक न हो या खाना सही न मिले तो मेमनों को दस्त लग सकता है, जिससे वे बहुत कमजोर हो जाते हैं. इसलिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए. साथ ही समय पर टीकाकरण और डी-वॉर्मिंग कराने से मेमने बीमारियों से बचे रहते हैं और जल्दी स्वस्थ होते हैं. इससे पशुपालकों को अच्छा लाभ भी मिलता है.
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