Amul Nandini Controversy: इस राज्य में चल रही है दूध पर जंग, जानें पूरा मामला

Amul Nandini Controversy: इस राज्य में चल रही है दूध पर जंग, जानें पूरा मामला

तमिलनाडु में दही विवाद के बाद अब कर्नाटक में दूध पर जंग छिड़ गई है. दूध के दो ब्रांड Amul Milk और Nandini आमने-सामने आ गए हैं. आखिर क्या है ये विवाद, क्यों छिड़ी है दूध को लेकर कर्नाटक में जंग, जानें पूरी बात

कर्नाटक में छिड़ी है दूध के ब्रांड Amul और Nandini के बीच जंगकर्नाटक में छिड़ी है दूध के ब्रांड Amul और Nandini के बीच जंग
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Apr 10, 2023,
  • Updated Apr 10, 2023, 2:01 PM IST

कर्नाटक में दूध पर जंग छिड़ गई है. बीते कुछ दिनों से कर्नाटक आने वाले चुनाव को लेकर चर्चा में था. अब चर्चा है दूध पर शुरू हुई इस जंग को लेकर. दूध का मशहूर ब्रांड Amul कर्नाटक में एंट्री करने अजा रहा है. कर्नाटक में पहले से जिस ब्रांड का दूध सबसे ज्यादा मशहूर है वह है Nandini. बस इसी बात को लेकर जंग तेज होती जा रही है. राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक
#Go Back Amul और #savenandini जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. आगे जानिए पूरा मामला आखिर क्या है और क्यों छिड़ा है ये Milk War.

5 अप्रैल को Amul ने किया था Tweet

5 अप्रैल को अमूल ने कर्नाटक में प्रवेश की घोषणा करने के लिए ट्वीट किया था. इसमें लिखा गया था, "बेंगलुरु के लिए दूध-दही के साथ ताजगी की नई लहर आ रही है. अधिक जानकारी जल्द ही दी जाएगी. #LaunchAlert.” इसी के बाद से विरोध शुरू हो गया. सोशल मीडिया में कई हैशटैग की बाढ़ आ गई. विवाद बढ़ने के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर #SaveNandini और  #GoBackAmul ट्रेंड करने लगे क्योंकि स्थानीय लोगों ने नंदिनी के लिए समर्थन बढ़ा दिया. 

अब राजनीतिक विवाद हुआ शुरू

पिछले तीन दिनों के दौरान राज्य में संघर्ष और बढ़ गया है, क्योंकि कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के विपक्षी नेताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर राज्य के स्वदेशी नंदिनी ब्रांड को "खत्म " करने की साजिश बताया है. कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर लिखा, 'आप पहले ही कन्नडिगाओं से बैंक, बंदरगाह और हवाई अड्डे चुरा चुके हैं. क्या अब आप नंदिनी (केएमएफ) को हमसे चुराने की कोशिश कर रहे हैं?" 

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“हजारों डेयरी किसानों की आजीविका होगी प्रभावित”

इसी तरह, जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में अपनी चिंता व्यक्त की कि अमूल के आने से केएमएफ के कारोबार और राज्य में हजारों डेयरी किसानों की आजीविका प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी समितियों के लिए यह एक स्वीकृत रीति है कि वे उन राज्यों में नहीं     जाएं जहां उनकी अपनी सहकारी समितियां हैं, जिसके कारण नंदिनी ने गुजरात के मार्केट में प्रवेश नहीं किया है और अमूल को भी इसका पालन करना चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने बेंगलुरू के कोरमंगला में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) को भारी किराये की जगह सस्ती कीमत पर दी है.

अमूल दूध (Amul Milk)

नंदिनी की मदद के लिए सरकार उठाएगी कदम- सीएम बसवराज बोम्मई

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी अमूल को बाजार में प्रवेश करने से प्रतिबंधित नहीं करेगी. नंदिनी के उत्पाद दूसरे राज्यों में भी बेचे जा रहे हैं. खुले बाजार में अमूल से मुकाबला करने में नंदिनी की मदद के लिए सरकार कदम उठाएगी, लेकिन अमूल को ब्लॉक नहीं करेगी. नंदिनी देश में नंबर वन ब्रांड बन जाएगी.

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मिलकर काम करेंगे GCMMF और KMF- गृह मंत्री अमित शाह

इस मुद्दे की जड़ें हाल के दिनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान से जुड़ी हैं. दरअसल, हाल ही में शाह ने कहा था कि GCMMF (Gujarat Milk Marketing Federation ) और KMF (Karnataka Milk Federation) अगले तीन सालों में कर्नाटक के सभी गांवों में प्राथमिक डेयरी स्थापित करने के लिए मिलकर काम करेंगे. 

नंदिनी ब्रांड क्या है? 

बता दें कि अमूल के बाद केएमएफ (KMF) देश की दूसरी सबसे बड़ी डेयरी सहकारी संस्था है. यह दक्षिण भारत में खरीद और बिक्री में पहले स्थान पर है. यह सहकारी समिति कर्नाटक में लगभग 25-26 लाख डेयरी किसानों से दूध खरीद रही है. केएमएफ (KMF) ने संकेत दिया है कि उसका मानना है कि इसकी कम कीमत और राज्य में इसकी स्थापित पहुंच नंदिनी ब्रांड को अमूल से प्रतिस्पर्धा का सामना करने में मदद करेगी, भले ही वह बाजार में प्रवेश करे.

उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचेगी अमूल 

जीसीएमएमएफ (GCMMF) ने कहा है कि अमूल शुरुआत में अपने उत्पादों को केवल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ही बेचेगी. यह अगले छह महीनों के दौरान ताजा दूध और दही जैसे उत्पादों के मूल्य बिंदुओं को नीचे लाने के बाद ही सामान्य व्यापार बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रहा है.

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बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, राजनीतिक प्रतिक्रियाओं के बीच, नंदिनी को स्थानीय लोगों का समर्थन मिला है. बेंगलुरु के होटल एसोसिएशन-ब्रुहट बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन- ने एक बयान में कहा है कि वह राज्य के डेयरी किसानों का समर्थन करने के लिए केवल नंदिनी दूध का उपयोग करेगा. ट्विटर पर कई कन्नडिगा समर्थक समूहों ने अमूल उत्पादों को खरीदने के लिए लोगों को उत्साहित किया है.

डेयरी किसान एक अहम वोटबैंक

राजनीतिक विश्लेषक एल मंजूनाथ ने कहा कि डेयरी किसान एक महत्वपूर्ण वोटबैंक हैं और उनका मतदान विशेष रूप से कई अर्ध-शहरी और ग्रामीण सीटों पर परिणाम निर्धारित कर सकता है, यही वजह है कि सभी राजनीतिक दल उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि कर्नाटक (Karnataka Election) में 10 मई को चुनाव होने हैं.

 

 

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