Goat Farming: सरकारी रेट पर ऐसे मिलेंगे प्योर नस्ल के बकरे-बकरी, ये है आवेदन का तरीका

Goat Farming: सरकारी रेट पर ऐसे मिलेंगे प्योर नस्ल के बकरे-बकरी, ये है आवेदन का तरीका

पाले गए बकरे-बकरी प्योर नस्ल के हैं तो बाजार में उनके अच्छे दाम मिल जाते हैं. दूध उत्पादन और मीट की ग्रोथ भी अच्छी होती है. लेकिन किसी भी नस्ल के प्योर बकरे-बकरी मिलना आसान नहीं होता है. प्योर नस्ल के बकरे-बकरी या तो सरकारी ब्रीडिंग सेंटर पर मिलते हैं या किसी अच्छे और बड़े प्राइवेट गोट फार्म पर. 

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नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 05, 2025,
  • Updated Jan 05, 2025, 10:26 AM IST

बकरी एक्सपर्ट की मानें तो बकरी पालन में दो बातों का शुरुआत में ही ध्यान रखा जाए तो फिर कारोबार करने में आसानी रहती है. मुनाफा भी खूब होता है. लेकिन आज भी कुछ पशुपालक ऐसे हैं जो पुराने तौर-तरीकों से ही बकरी पालन करते आ रहे हैं. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि नए तरीके से बकरी पालन करना कोई मुश्किल है. जरूरत है बस थोड़ी सी जागरुकता की. जैसे आप जिस राज्य और शहर में बकरी पालन कर रहे हैं तो बकरे-बकरी की उसी नस्ल का चुनाव करें जो उस क्षेत्र में आसानी से पल जाती है. 

दूसरा नस्ल जो भी हो वो प्योर हो. अगर आप ऐसा करते हैं तो बाजार-हाट में आपके बकरे-बकरी हाथ-ओं-हाथ बिक जाएंगे. पालन के दौरान उन्हें बीमारियां भी कम लगेंगी. बाजार में प्योर नस्ल के बकरे-बकरी के रेट बहुत ज्यादा होते हैं, लेकिन प्योर नस्ल के बकरे-बकरी सरकारी रेट पर भी खरीदे जा सकते हैं. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थामन (सीआईआरजी), मथुरा और दूसरे राज्यों में संचालित उसके सेंटरों में आवेदन करके इन्हें खरीदा जा सकता है.  

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प्योर नस्ल के बकरे-बकरी लेने के ये हैं नियम

सीआईआरजी के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. गोपालदास ने बताया कि हमारे संस्थान से बकरे-बकरी लेने के लिए सबसे पहली शर्त ये है कि संस्थान के निदेशक के नाम एक आवेदन पत्र देना होगा. जिस नस्ल के लिए आप आवेदन कर रहे हैं अगर उस नस्ल के बकरे-बकरी उस वक्त संस्थान में उपलब्ध हैं तो जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने के बाद दे दिए जाते हैं. वर्ना इंतजार करना होता है. ये कोई जरूरी नहीं है कि जो आवेदक सीआईआरजी से ट्रेनिंग करेगा उसी को बकरे-बकरी दिए जाएंगे. ऐसा जरूर हो सकता है कि हम कभी-कभी ट्रेनिंग करने वाले को वरीयता दे देते हैं. यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में रहने वालों को वरीयता दी जाती है. संस्थान में मौजूद बरबरी, जखराना, जमनापारी, सिरोही नस्ल के बकरे-बकरी और मुजफ्फरनगरी भेड़ आवेदन करने पर दी जाती है. 

आवेदन करने पर दिए जाते हैं इस तरह के बकरे 

आवेदन करने पर एक साल, दो साल या उससे ज्यादा उम्र तक के बकरे-बकरी दिए जाते हैं. बड़े आकार जैसे जमनापारी और जखराना नस्ल के बकरे-बकरी 12 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक के दिए जाते हैं. वहीं छोटे आकार की बकरी जैसे बरबरी 10 से 12 हजार रुपये तक में मिल जाती है. बकरे-बकरी की उपलब्धता के आधार पर पशुपालकों को एक या दो बकरे-बकरी दिए जाते हैं. लेकिन एक स्कीम के तहत जिसका फायदा सालभर में दो या तीन लोगों को ही मिलता है के तहत आठ से 10 बकरे-बकरी दिए जाते हैं. बाजार में ऐसे बकरे-बकरियों की कम से कम कीमत 20 से 25 हजार रुपये होती है.

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