Analog Paneer अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि बाजार में पनीर बहुत खराब आ रहा है. पनीर को रबड़ की तरह से चबाना पड़ता है. स्वाद भी अजीब सा ही होता है. जबकि बाजार में ही एक पनीर ऐसा भी आता है जो मुंह में रखते ही घुल जाता है. स्वाद भी अच्छा और दूध जैसा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दोनों ही तरह के पनीर की कीमत में स्वाद की तरह बहुत फर्क होता है. क्योंकि एक पूरी तरह दूध से बना होता है. जबकि दूसरे को सब्जी, तेल और दूध पाउर समेत और भी न जाने कितनी चीजें मिलाकर बनाया जाता है.
लेकिन दोनों ही पनीर की कीमत एक जैसी ही वसूली जा रही है. वहीं सब्जी-तेल से बने पनीर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल बाजार में स्ट्रीट फूड और होटल-रेस्टोरेंट में खूब होता है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो इसे एनालॉग पनीर कहा जाता है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के नियमानुसार ऐसे पनीर को बेचने के लिए एक गाइड लाइन बनाई गई है. उल्लघंन करने पर सजा का नियम भी है.
डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि सब्जी, तेल और दूध पाउडर से बनने वाले पनीर को एनालॉग पनीर कहा जाता है. जबकि दूध से बने पनीर में सिर्फ और सिर्फ दूध का ही इस्तेमाल होता है. यही वजह है कि ये बहुत ही सॉफ्ट होता है. मुंह में रखने के बाद इसे ज्यादा चबाने की जरूरत नहीं पड़ती है. जबकि एनालॉग पनीर को खाते वक्त ज्यादा चबाना पड़ता है. होटल-रेस्टोरेंट में शेफ एनालॉग पनीर की डिश बनाते वक्त ग्रेवी की मदद से इसे मुलायम करने की कोशिश भी करते हैं. एनालॉग पनीर को तैयार करने के लिए वनस्पति तेल और दूध पाउडर इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही सोया, नारियल तेल और जड़ वाली सब्जियों सहित पौधे-आधारित सामग्री भी मिलाई जाती है. साबूदाना, खमीर और एसिड जैसे गाढ़े पदार्थ भी मिलाए जाते हैं.
एफडीए के जानकारों की मानें तो दूध से बने पनीर की कीमत जहां 400 रुपये किलो या उससे ज्याता होती है तो वहीं एनालॉग पनीर 200 रुपये किलो की लागत पर तैयार हो जाता है. ऐसे में अगर किसी को एनालॉग पनीर बेचना है तो उसे पैकिंग पर बताना होगा कि ये एनालॉग पनीर है. साथ ही इंग्रीडेंटस और रेट भी लिखने होंगे. अगर कोई खुले में बेचता है तो उसे दूध से बने पनीर की कीमत से कम पर बेचना होगा. कुल मिलाकर अपने ग्राहक को जानकारी देनी होगी कि एनालॉग पनीर दूध से बने पनीर से सस्ता है.
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