Dairy Animal Feed-Fodder जुलाई की शुरुआत हो चुकी है. मॉनसून भी अपनी दस्तक दे चुका है. कहीं लगातार तो कहीं रुक-रुककर बारिश हो रही है. ऐसे में पशुपालकों के लिए सबसे बड़ी परेशानी होती है पशुओं का पेट खराब होना. क्योंकि पशु का पेट खराब होने पर जहां इलाज का खर्च बढ़ जाता है, वहीं पशु का उत्पादन भी घट जाता है. अब क्योंकि जुलाई खासतौर से भैंस का प्रजनन काल होता है तो पशु और पशुपालकों को और ज्यादा परेशानी होने लगती है. क्योंकि दूध और बच्चा देने वाले पशु इसे कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है.
और सभी तरह के दुधारू पशु इस जरूरत को चारे, मिनरल और दाने से करते हैं. लेकिन इस सब के चलते पेट खराब होने यानि अफरा से पीडि़त हो जाता है. और जब पेट सही नहीं होता है तो पशु खुराक लेना भी छोड़ देता है. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक पशु का पेट खराब होने की कई वजह हो सकती हैं, लेकिन इसमे से चार बड़ी वजह प्रमुख हैं.
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशु का पेट खराब यानि अफरा होने पर पशु के बाई और की साइड का पेट फूल जाता है. पेट का आकार बढ़ा हुआ दिखाई देता है. रूमन का गैसों से अधिक फूल जाने के कारण डायफ्राम पर दबाव पड़ता है. पशु को सांस लेने में दिक्कत होती है. पशु मुंह खोलकर जीभ बाहर निकालकर सांस लेता है. पशु बैचेन और सुस्त दिखाई देता है. बार-बार थोड़ा-थोड़ा गोबर-पेशाब करता है. सही समय पर उपचार नहीं किया जाए तो पशु की मौत भी हो सकती है.
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