पशुओं में कैल्श‍ियम की कमी का मंडरा रहा है खतरा, सूखे की वजह से महाराष्ट्र में आई बड़ी समस्या 

पशुओं में कैल्श‍ियम की कमी का मंडरा रहा है खतरा, सूखे की वजह से महाराष्ट्र में आई बड़ी समस्या 

पशुचिकित्सकों का कहना है क‍ि सूखे की स्थिति के कारण पशुओं को समय पर चारा नहीं मिल पाता है. परिणामस्वरूप, भूख के कारण पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इससे पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है. ऐसे में जरूरी है क‍ि पशुपालक अपने पशुओं के ल‍िए चारे की व्यवस्था करें. 

पशुओं में कैल्श‍ियम
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 04, 2024,
  • Updated Apr 04, 2024, 1:59 PM IST

कृषि के पूरक व्यवसाय के रूप में डेयरी फार्मिंग ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रचलित है. लेक‍िन इस वर्ष कई क्षेत्रों में खरीफ और रबी दोनों सीजन में सूखे की स्थिति होने के कारण, हर जगह पशु चारे की समस्या गंभीर हो गई है. इसके अलावा, भुखमरी, दूषित पानी और खराब गुणवत्ता वाले चारे के कारण कई जानवरों के शरीर में कैल्शियम का स्तर कम हो रहा है. साथ ही जानवरों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कैल्शियम की कमी ने पशुओं की आवाजाही को धीमा कर दिया है. कैल्शियम की कमी के कारण पशु बैठने के बाद दोबारा अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पाते. जानवर घंटों तक एक ही जगह बैठे नजर आते हैं. कुछ जानवरों के मरने की भी आशंका है. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है.

पशुचिकित्सक डॉ. संदीप का कहना है क‍ि सूखे की स्थिति के कारण पशुओं को समय पर चारा नहीं मिल पाता है. परिणामस्वरूप, भूख के कारण पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इससे पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है. ऐसे में जरूरी है क‍ि पशुपालक अपने पशुओं के ल‍िए चारे की व्यवस्था करें. इस बार महाराष्ट्र में चारे का भयंकर संकट है, जबक‍ि पशुपालकों के ल‍िए दूध का दाम बढ़ नहीं रहा है. 

ये भी पढ़ें:  Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका

कैल्शियम का संतुलन कैसे बनाए रखें?

पशुपालक उचित पशु स्वास्थ्य प्रबंधन कैसे करें यह सूखे की स्थ‍िति में ज्यादा चुनौतीपूर्ण काम हो जाता है. डेयरी पशुओं में कैल्शियम का स्तर बनाए रखना उनके स्वास्थ्य और दूध उत्पादन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसके लिए पशुपालकों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाह‍िए. 

सूखे के दौरान चारे की कम उपलब्धता के समय उपलब्ध चारे को टीएमआर विधि से मिलाकर खनिज मिश्रण के साथ मिलाकर खाद बनाना चाहिए. 

पशुओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त खनिज अनुपूरक दिए जाने चाहिए.

पानी कैल्शियम और समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए इंसानों की तरह मवेशियों को भी हमेशा साफ और ताजा पानी पीने के लिए देना चाहिए.

पशुचिकित्सक की सहायता से रक्त परीक्षण के माध्यम से समय-समय पर पशु के रक्त में कैल्शियम के स्तर की निगरानी करें. इससे किसी भी कमी या असंतुलन का शीघ्र पता लगाने में मदद मिलती है. 

डेयरी पशुओं के स्वास्थ्य के लिए नियमित पशु चिकित्सा जांच आवश्यक है. एक पशुचिकित्सक कैल्शियम के स्तर को बनाए रखने के लिए पोषण, पूरकता और स्वास्थ्य प्रबंधन प्रथाओं पर मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है.

ये भी पढ़ें: नास‍िक की क‍िसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-क‍िसानी से रखना चाहती हैं दूर

 

MORE NEWS

TAGS:
Read more!